chand nikalne ka time : देखें 25 शहरों का चांद निकलने का समय और जानें पूजन व थाली सजाने की विधि
Karwa Chauth Chand nikalne ka time 2019: करवा चौथ पर प्रत्येक महिला चांद निकलने का बेसब्री से इंतजार करती हैं। करवा चौथ व्रत का आरंभ सूर्योदय के साथ होता है और चंद्रोदय यानी चांद के दर्शन के...
Karwa Chauth Chand nikalne ka time 2019: करवा चौथ पर प्रत्येक महिला चांद निकलने का बेसब्री से इंतजार करती हैं। करवा चौथ व्रत का आरंभ सूर्योदय के साथ होता है और चंद्रोदय यानी चांद के दर्शन के बाद इसका समापन होता है। इस बार चंद्रमा अपनी पत्नी रोहिणी के साथ यानी रोहिणी नक्षत्र में उदित होंगे इसलिए इस बार करवा चौथ का चांद दिखना बेहद खास रहेगा। यह व्रत सुहागन महिलाओं के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण होता है तो आइए जानते हैं करवा चौथ पर भारत के सभी शहरों में चंद्रोदय का समय-
जानें कब कहां निकलेगा चांद
1. दिल्ली - रात 8 बजकर 19 मिनट
2. गाजियाबाद - रात 8 बजकर 18 मिनट
3. फरीदाबाद - रात 8 बजकर 20 मिनट
4. पटना - रात 7 बजकर 52 मिनट
5. शिमला - रात 8 बजकर 15 मिनट
6. मथुरा - रात 8 बजकर 20 मिनट
7. देहरादून - रात 8 बजकर 13 मिनट
8. लखनऊ - रात 8 बजकर 07 मिनट
9. शिमला - रात 8 बजकर 27 मिनट
10. वाराणसी - रात 8 बजकर 08 मिनट
11. रायपुर - रात 8 बजकर 24 मिनट
12. पुणे - रात 8 बजकर 50 मिनट
13. जयपुर - रात 8 बजकर 28 मिनट
14. कानपुर - रात 8 बजकर 10 मिनट
15. इंदौर - रात 8 बजकर 35 मिनट
16. अंबाला - रात 8 बजकर 18 मिनट
17. आगरा - रात 8 बजकर 19 मिनट
18. गुरुग्राम - रात 8 बजकर 20 मिनट
19. बीकानेर - रात 8 बजकर 37 मिनट
20. नोएडा - रात 8 बजकर 19 मिनट
21. लुधियाना - रात 8 बजकर 21 मिनट
22. चेन्नई - रात 8 बजकर 32 मिनट
23. अमृतसर - रात 8 बजकर 23 मिनट
24. अहमदाबाद- रात 8 बजकर 48 मिनट
25. चण्डीगढ़ - रात 8 बजकर 17 मिनट
पूजन और थाली सजाने की विधि
करवाचौथ पर विधि-विधान से पूजा करने से लाभ मिलता है। व्रत रखने वाली महिलाएं लाल कपड़े पहनकर शाम को करवाचौथ व्रत की कथा सुनें। इसके बाद भगवान गणेश जी, शिव, पार्वती की पूजा करें। गणेश जी को मोदक का भोग लगाएं और फिर फूल चढ़ाएं। चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूजा करें। व्रत खोलने के बाद पति और बड़ों का आशीर्वाद लें। चांद आने से पहले अपनी पूजा की थाली भी सजा लें। इसमें सभी आवश्यक चीजें रख लें। पूजा की थाली में छलनी, आटे का दीया, फल, ड्राईफ्रूट, मिठाई और दो पानी के लोटे होने चाहिए। एक लोटे से चंद्रमा को अर्घ्य दें और दूसरे लोटे के पानी से व्रत खोलें। पूजा की थाली में माचिस न रखें।
चुन्नी को ओढ़कर चंद्रमा को अर्घ्य दें। छलनी में दीया रखकर चंद्रमा को उसमें से देखें, फिर उसी छलनी से तुरंत अपने पति को देखें। पूजा के बाद चांद को देखकर पहले आप अपने पति को पानी पिलाएं। इसके बाद पति के हाथ से पानी पिएं और मिठाई से अपना व्रत पूरा करें। इसके बाद आप बायना(खाना और कपड़े) निलाकर अपने बड़ों को दें और फिर खाना खाएं।
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