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Chaitra Navrati 2024 : चैत्र नवरात्रि कब से शुरू होंगे? जानें सही डेट,शुभ मुहूर्त और घटस्थापना का समय

Chaitra Navratri 2024 Calendar :नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा आराधना का बड़ा महत्व है। मान्यता है इससे मां भगवती प्रसन्न होकर अपने भक्तों के सभी कष्ट दूर करती है।

Arti Tripathi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 29 March 2024 12:16 AM
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Chaitra Navrati 2024 Date and Time : हिंदू धर्म में नवरात्रि में मां दुर्गों के स्वरूपों की पूजा-आराधना का बड़ा महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हर साल चैत्र नवरात्रि, शारदीय नवरात्रि और दो गुप्त नवरात्रि समेत 4 नवरात्रि मनाई जाती है। जिसमें चैत्र और शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों के पूजा-उपासना  बेहद खास मानी जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से मां भगवती अपने भक्तों के सभी कष्ट दूर करती है। साथ ही जीवन सुख-समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद देती है। चैत्र महीने की नवरात्रि भी जल्द शुरू होने वाली है। आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि की सही डेट, शुभ मुहूर्त और घटस्थापना का समय...

चैत्र नवरात्रि कब से शुरू होंगे ? 

दृक पंचांग के अनुसार, इस साल चैत्र माह शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 8 अप्रैल को रात 11 बजकर 50 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 9 अप्रैल को रात 8 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगी। इसलिए उदयातिथि के अनुसार, 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि का आरंभ होगा और 17 अप्रैल को समाप्त होगा।

शुभ मुहूर्त : पंचांग के अनुसार, इस साल अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग समेत कई शुभ संयोग में चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होगी। मान्यता है कि अद्भुत संयोग में मां दुर्गा की पूजा करने से कई गुना अधिक शुभ फल प्राप्त होंगे।

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त : नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना का विधान है। पंचांग के अनुसार, 9 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 24 मिनट से सुबह 10 बजकर 28 मिनट तक कलश स्थापना का सबसे उत्तम मुहूर्त रहेगा।

मां दुर्गा के 9 स्वरूपों के पूजन का दिन :

प्रतिपदा तिथि: नवरात्रि के पहले दिन सुख-समृद्धि का प्रतीक मां शैलपुत्री की पूजा का विधान है। 

द्वितीय तिथि: नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के ब्रह्माचारिणी स्वरूप की पूजा होती है।

तृतीया तिथि : नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना की जाती है। 

चतुर्थी तिथि: नवरात्रि के चौथे दिन मां दुर्गा के चौथे स्वरूप कुष्मांडा माता की पूजा होती है। 

पंचमी तिथि: नवरात्रि के पांचवा दिन पवित्रता और आध्यात्मिकता का दिन माना जाता है।  इस दिन स्कंदमाता की पूजा होती है। 

षष्ठी तिथि: नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। 

सप्तमी तिथि: नवरात्रि का सातवां दिन मां कालरात्रि की पूजा-उपासना के लिए समर्पित है।

अष्टमी तिथि: नवरात्रि के आठवें दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा-उपासना की जाती है। 

नवमी तिथि : नवरात्रि के नौवें दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धीदात्री को समर्पित माना जाता है। 

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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