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Chaitra Navratri 2022 today: इस बार नवरात्र में रामनवमी तक बहुत ही खास योग, शुभ कार्य करने के लिए अति उत्तम

Chaitra Navratri 2022 muhurat:सवार्थ सिद्धि योग में कोई भी जाप, अनुष्ठान कई गुना अधिक फल प्रदान करता है। विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए यह अहम है। मकान, वाहन, सोने चांदी के जेवरात की खरीदारी, मुंडन, गृह

Anuradha Pandey हिंदुस्तान टीम, अमरोहाSat, 2 April 2022 06:29 AM
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आज से प्रारंभ हो रहे चैत्र नवरात्र में ग्रह नक्षत्रों का दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस नवरात्रि रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग व रवि पुष्य नक्षत्र शुभ संयोग बन रहे हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार विधि विधान से माता रानी की पूजा करने से सभी मनोरथ पूरे होंगे।

स्थानीय श्रीबाबा गंगानाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष व ज्योतिषाचार्य पंडित आशुतोष त्रिवेदी ने बताया कि नवरात्रि पर्व के दौरान रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग व रवि पुष्य नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सर्वार्थ सिद्धि योग का संबंध मां लक्ष्मी से है। मान्यता है कि इस योग में किए गए कार्य शुभ परिणाम देते हैं। कार्यों में सफलता भी मिलती है। रवियोग में सभी प्रकार के दोषों से मुक्ति मिलती है। बताया कि दो अप्रैल से चैत्र नवरात्र प्रारंभ हो रहे हैं। घरों में विधि विधान से कलश स्थापना करनी चाहिए। माता रानी की चौकी सजाई जाए। माता के प्रथम स्वरूप में मां शैलपुत्री की पूजा की जाएगी। देवी भक्तों को नौ दिन तक उपवास रखकर विधि विधान पूर्वक माता रानी का ध्यान करना चाहिए। नौ दिन तक नियम संयम का पालन भी करें। इस तरह पूजा करने से सभी मनोरथ पूरे होंगे।

कब कौन सा योग
03 अप्रैल द्वितीय तिथि - सर्वार्थ सिद्धि योग

04 अप्रैल तृतीय तिथि - रवियोग


05 अप्रैल चतुर्थी तिथि - सवार्थ सिद्ध व रवियोग

06 अप्रैल पंचमी तिथि - रवियोग व सवार्थ सिद्धि योग


07 अप्रैल - षष्ठी तिथि - रवियोग

08 अप्रैल - सप्तमी तिथि - सवार्थ सिद्धि योग

09 अप्रैल - अष्टमी तिथि - रवियोग

10 अप्रैल - राम नवमी - रवियोग व रविपुष्य योग

धार्मिक अनुष्ठान से मिलेगा मनवांछित फल

 सवार्थ सिद्धि योग में कोई भी जाप, अनुष्ठान कई गुना अधिक फल प्रदान करता है। विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए यह अहम है। मकान, वाहन, सोने चांदी के जेवरात की खरीदारी, मुंडन, गृह प्रवेश आदि शुभ कार्यों के लिए भी ये योग अत्यंत शुभ है।

रवि योग के दौरान अगर सूर्य उपासना की जाए व आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने के साथ ही सूर्य मंत्रों का जाप किया जाए, तो विशेष लाभ मिलता है। रवि पुष्य योग को महायोग भी कहा जाता है। ये रविवार के संयोग से मिलकर बनता है। 10 अप्रैल को राम नवमी के दिन ये विशेष योग बनेगा।

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