Notification Icon
Hindi Newsधर्म न्यूज़Can 16 Monday fasting be started from Sawan Know the answers to the important questions related to this fast - Astrology in Hindi

क्या 16 सोमवार व्रत सावन से कर सकते हैं शुरू? जानें इस व्रत से जुड़े जरूरी सवालों के जवाब

16 Somwar Vrat 2022: सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित माना गया है। भगवान शिव की इस दिन पूजा करने से मनोकामना पूरी होने की मान्यता है। जानें 16 सोमवार व्रत से जुड़ी जरूरी बातें-

Saumya Tiwari लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 6 July 2022 05:55 AM
share Share

16 Somwar Vrat Niyam: सोमवार का दिन भगवान शंकर को समर्पित माना गया है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान के साथ पूजा करने व व्रत रखने से मनोकामना पूरी होने का मान्यता है। शास्त्रों में 16 सोमवार व्रत का भी महत्व वर्णित है। 16 सोमवार व्रत को संकट सोमवार व्रत भी कहा जाता है। इस व्रत को मुख्यत: किसी बड़े संकट से छुटकारा पाने के लिए संकल्प लेकर किया जाता है। अविवाहित कन्याएं उत्तम विवाह सुख के लिए 16 सोमवार व्रत कर सकती हैं।

कब से शुरू करें सोलह सोमवार व्रत-

सावन का महीना भगवान शंकर को अतिप्रिय है। ऐसे में सोलह सोमवार व्रत सावन से शुरू करना अति उत्तम माना गया है। इस साल सावन का पवित्र महीना 14 जुलाई से शुरू हो रहा है, जो कि 12 अगस्त तक रहेगा।

16 सोमवार के व्रत कब से कर सकते हैं शुरू-

इस व्रत को श्रावण, चैत्र, मार्गशीर्ष और वैशाख मास के शुक्ल पक्ष के पहले सोमवार से किया जाता हैं। भगवान शिव जी की कृपा दिलाने वाले व्रत को कम से कम 16 सोमवार तक जरूर रखना चाहिए। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस व्रत को आप सावन के पहले सोमवार से भी शुरू कर सकते हैं।

सोलह सोमवार व्रत में क्या खाना चाहिए-

व्रत में आप केला, सेब, संतरा और अनार खा सकते हैं। 16 सोमवार व्रत में अन्न खाने की मनाही होती है। वहीं, कुछ लोग व्रत के दौरान पूरा दिन भूखे रहते हैं और सिर्फ एक वक्त खाना खाते हैं।

पूजा- विधि

सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ वस्त्र धारण करें।
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।
शिवलिंग में गंगा जल और दूध चढ़ाएं।
भगवान शिव को पुष्प अर्पित करें।
भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करें।
भगवान शिव की आरती करें और भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। 
भगवान शिव का अधिक से अधिक ध्यान करें।

भगवान शिव की पूजा में प्रयोग होने वाली सामग्री-

पुष्प, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें,तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री आदि।

अगला लेखऐप पर पढ़ें