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Bhai dooj 2023 shubh muhrat:15 नवम्बर को भाई दूज का पर्व, शुभ चौघड़िया मुहूर्त टीका करने के लिए श्रेष्ठ

Bhai dooj 2023 date and time: जिसमें दिन का अधिकांश भाग निकल चुका होगा और आधा दिन निकलने के बाद द्वितीय शुरू होगी, जबकि 15 नंवबर को उदयकालीन तिथि भी द्वितीया (दूज) होगी और दोपहर 147 तक द्वितीया उपस्थि

Anuradha Pandey वरिष्ठ संवाददाता, मेरठTue, 14 Nov 2023 09:12 AM
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 भाई-दूज का त्योहार दीपावली पंचपर्व का अंतिम पांचवे दिन का त्योहार होता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को भाई दूज पर्व मनाया जाता है जिसमें बहन अपने भाई को तिलक करके उसके स्वस्थ और दीर्घायु होने की कामना करती है।

ज्योतिषचार्य विभोर इंदुसुत के अनुसार इस बार 15 नवम्बर बुधवार को भाई दूज का पर्व मनाया जाएगा। जिसमें बहनें अपने भाई का टीका करके उनके मंगल की कामना करेंगी। हालांकि इस बार द्वितीया तिथि (दौज) 14 नवंबर को दोपहर 2 36 से आरम्भ होकर 15 नवंबर को दोपहर 1 47 तक उपस्थित रहेगी, लेकिन भाई दूज के पर्व का महत्त्व प्रात काल में ही होता है और 14 नवंबर को दोपहर 2 36 तक तो प्रतिपदा ही रहेगी, जिसमें दिन का अधिकांश भाग निकल चुका होगा और आधा दिन निकलने के बाद द्वितीय शुरू होगी, जबकि 15 नंवबर को उदयकालीन तिथि भी द्वितीया (दूज) होगी और दोपहर 147 तक द्वितीया उपस्थित भी रहेगी इसलिए 15 नवम्बर को ही भाई दौज का पर्व मनाना शास्त्रत्त्सम्मत होगा।

भाई दूज पर टीका करने का शुभ समय

सभी शुभ चौघड़िया मुहूर्त टीका करने के लिए श्रेष्ठ होते हैं। 15 नवम्बर भाईदूज के दिन सुबह 8 बजे से 930 बजे के बीच अमृत चौघड़िया रहेगा। इसे भाई का टीका करने के लिए सबसे ज्यादा श्रेष्ठ समय माना गया है। दूसरा मुहूर्त सुबह 1044 से दोपहर 12 बजे के बीच होगा। इसके अलावा किसी कारण वंश इन दो श्रेष्ठ मुहूर्त में अपने भाई का टीका ना कर पाएं तो वे दोपहर 244 से 4 बजे के बीच ‘‘चर चौघड़िया’’ में अपने भाई का टीका कर सकती हैं, लेकिन भाई को टीका करने के श्रेष्ठ मुहूर्त सुबह 8 से 930 और 1044 से 12 ही होंगे।

कई स्थानों पर अन्नकूट और गोवर्धन पर्व मनाया
 सोमवार को शहर में कई स्थानों पर अन्नकूट और गोवर्धन पर्व मनाया गया। घर और कॉलोनियों में गोवर्धन उत्सव श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। प्रतीकात्मक गोवर्धन बनाकर परिक्रमा और आरती पूजन किया गया। जागृति विहार स्थित मंशा देवी मंदिर, नूर नगर, हनी गोल्फ ग्रीन कॉलोनी के साथ ही शहर के अन्य कई स्थानों पर लोगों ने सोमवार को गोवर्धन पूजा की। पंडित भगवत गिरि ने बताया कि द्वापर युग में ब्रज वासियों को भीषण वर्षा से बचाने के लिए श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को एक उंगली से उठाकर इंद्र का मान मर्दन किया था। वर्षा रुकने के बाद जिसके पास जो अन्न था, उसे कूटकर प्रसाद तैयार किया था।

 

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