Hindi Newsधर्म न्यूज़bhadrapada chaturthi 2023 date and time ganesh ji ki aarti

Bhadrapada Chaturthi Ganesh Ji ki Aarti : जय गणेश, जय गणेश देवा, यहां पढ़ें गणेश जी की आरती

हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर हेरम्ब संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है है। इस दिन विधि- विधान से भगवान गणेश की पूजा- अर्चना की जाती है। 3 सितंबर 2023 को हेरम्ब संकष्टी चतुर्थी है।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 3 Sep 2023 05:43 AM
share Share

हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर हेरम्ब संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है है। इस दिन विधि- विधान से भगवान गणेश की पूजा- अर्चना की जाती है। 3 सितंबर 2023 को हेरम्ब संकष्टी चतुर्थी है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा- अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। भगवान गणेश प्रथम पूजनीय देव हैं। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत गणेश जी की पूजा से ही होती है। भगवान गणेश को प्रसन्न करना काफी आसान होता है। अपने भक्तों से भगवान गणेश बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। इस पावन दिन गणपति की आरती जरूर कर लें। गणपति की आरती के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।

यहां पढ़ें जय गणेश-जय गणेश और जयदेव, जयदेव मंगलमूर्ति आरती

यहां देखें गणेश जी की आरती

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।

एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी,
माथे सिन्दूर सोहे, मूस की सवारी। 
पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा,
लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा।। ..
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया,
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया। 
'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।। 
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा .. 
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा। 

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी। 
कामना को पूर्ण करो जय बलिहारी।

Ganesh Ji Ki Aarti

पढ़ें भगवान श्रीगणेश की आरती-

सुखकर्ता दुःखहर्ता वार्ता विघ्नाची

नुरवी पुरवी प्रेम कृपा जयाची

सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची

कंठी झलके माल मुक्ता फलांची।

जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव

जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ति

दर्शन मात्रे मन कामना पूर्ती। जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव

रत्नखचित फरा तुज गौरीकुमरा

चंदनाची उटी कुमकुम केशरा

हीरे जड़ित मुकुट शोभतो बरा

रुणझुणती नूपुरे चरणी घागरिया।

जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव

जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ति

दर्शन मात्रे मन कामना पूर्ती। जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव

लम्बोदर पीताम्बर फणिवर बंधना

सरल सोंड वक्र तुंड त्रिनयना

दास रामाचा वाट पाहे सदना

संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुर वर वंदना।

जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव

जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ति

दर्शन मात्रे मन कामना पूर्ती। जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव ।।

अगला लेखऐप पर पढ़ें