जानें प्रयागराज का नाम कब और कैसे पड़ा था इलाहाबाद, एक बार फिर मिला पुराणों वाला नाम
इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया गया है। ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार इलाहाबाद पहले प्रयागराज के नाम से ही जाना जाता था। लेकिन, 1526 में यह पौराणिक भूमि मुगलों के अधीन हो गई और तब मुगल...
इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया गया है। ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार इलाहाबाद पहले प्रयागराज के नाम से ही जाना जाता था। लेकिन, 1526 में यह पौराणिक भूमि मुगलों के अधीन हो गई और तब मुगल शासक अकबर ने प्रयागराज का नाम बदलकर अलाहाबाद कर दिया। अल्लाह का मतलब, तो आप जनते ही हैं और आबाद का मतलब बसाया हुआ, मायने अल्लाह का बसाया हुआ शहर। लेकिन, बोलचाल की भाषा में इसे इलाहाबाद कहा जाने लगा। यही नाम अब सरकारी अभिलेखों में दर्ज है।
वहीं प्रयाग का नाम पुराणों में दर्ज है पुराणों और हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार इस भूमि पर ब्रह्मा जी ने सबसे पहले यज्ञ संपन्न किया था। प्र से प्रथम और य से यज्ञ मिलकर इसका नाम प्रयाग पड़ा। इसे सभी तीर्थों का राजा, संगम नगरी के नाम से भी ख्याती प्राप्त है।
पौराणिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए वर्षों से इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करने की मांग उठती आ रही थी। मगर किभी इस पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया। जब मार्च 2017 को योगी सरकार उत्तर प्रदेश में आई, तो उन्होंने यह वादा भी किया कि वे इलाहाबाद का नाम फिर से प्रयागराज कर देंगे। इसी क्रम में मंगलवार को उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करने केे प्रस्ताव को मंजूरी दी।
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