Ahoi Vrat : संतान की दीर्घायु के लिए रखा जाने वाला अहोई व्रत आज, भूलकर भी न करें ये काम
Ahoi Vrat 2023 Date Time Puja Shubh Muhrat : अहोई अष्टमी का पर्व रविवार को मनाया जाएगा। भक्तों ने तैयारियां आरंभ कर दी हैं। माताएं यह व्रत संतान की रक्षा एवं उन्नति की कामना से रखेंगीं।
Ahoi Vrat 2023 : अहोई अष्टमी का त्योहार भक्ति भाव से मनाया जाएगा। माताएं अपनी संतान के अच्छे स्वास्थ्य और लंबी आयु के लिए व्रत करेंगी। सभी माताएं दिन में कथा सुनकर तारे को देखकर व्रत खोलेंगे।पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सनातन धर्म में अहोई अष्टमी पर्व संतान की दीर्घायु व अच्छे स्वास्थ्य के लिए किया जाता है। इस दिन माताएं अपने घरों में एकत्र होकर अहोई अष्टमी व्रत की कथा सुनती हैं। संतान के दीर्घायु होने के लिए व्रत करती हैं। इस व्रत में कई नियमों का पालन किया जाता है। इस दिन जमीन की खुदाई नहीं की जाती है। किसी भी फल या सब्जी को काटा नहीं जाता। बल्कि इस व्रत के दिन दूध का प्रयोग भी वर्जित रहता है। रात्रि में तारे को देखकर माताएं उसे अर्ध देती हैं। और अपने घर के बड़ों को पूजन कर वस्त्र या उनकी आवश्यकता अनुसार वस्तु का दान कर उनका आशीर्वाद लेकर व्रत खोलती है।
आचार्य मुकेश मिश्र के मुताबिक रवि-पुष्य योग को ज्योतिष में सबसे बलशाली और समृद्धि कारक योग माना गया है। इस योग में किया गया कोई भी कार्य निर्विघ्न संपन्न होता है और सभी इच्छाओं की पूर्ति भी शीघ्रता और सहजता से होती है। ऐसे में इस दिन संतान के लिए किया गया व्रत पूजन का फल कई गुना अधिक मिलेगा। जिस कारण इस बार इस त्योहार का महत्व कई गुना अधिक बढ़ गया है। इस दिन माताएं निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को तारा और चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत को खोलती हैं। पंचांगों के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पांच नवंबर को ब्रह्म मुहूर्त से पहले रात्रि 12 बजकर 59 मिनट से आरंभ हो रही है, जो छह नवंबर को सुबह तीन बजकर 18 मिनट पर समाप्त हो रही है। उदया तिथि और तारा देखने के हिसाब से अहोई अष्टमी का व्रत पांच नवंबर को रखा जाएगा।
अहोई अष्टमी पूजा मुहूर्त :-
शाम : 05:33 से 06:52
अवधि : एक घंटा 18 मिनट
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