Ahoi Ashtami Vrat : संतान की मंगलकामना के लिए अहोई व्रत आज, शाम को इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा
ahoi ashtami vrat puja vidhi : अहोई अष्टमी का व्रत करवा चौथ के 4 दिन बाद रखा जाता है, इसलिए 5 नवंबर को माताएं यह व्रत करेंगी और तारों का उदय होने के बाद उन्हें अर्घ्य देकर व्रत तोड़ेंगी।
Ahoi Ashtami Vrat : आज अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाएगा। प्राचीन काल से माताएं अहोई अष्टमी का व्रत रखती आ रही हैं। इसे होई नाम से भी जाना जाता है। अहोई अष्टमी का व्रत विशेष रूप से संतान की दीर्घायु, अच्छे स्वास्थ्य, सफलता, समृद्धि के लिए किया जाता है। नवविवाहित स्त्रियां संतान सुख प्राप्ति की कामना के साथ अहोई अष्टमी का व्रत करती हैं।
ज्योतिषचार्य विभोर इंदूसुत ने बताया कि कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाता है। अहोई अष्टमी के व्रत में संध्या काल व्यापिनी अष्टमी तिथि को लिया जाता है। जिस दिन अष्टमी तिथि संध्या और रात्रि के प्रथम प्रहर तक हो उस दिन अहोई अष्टमी का व्रत किया जाता है। अहोई व्रत का पारायण तारों का दर्शन कर किया जाता है। संध्या काल होने पर व्रती माताएं अहोई माता की पूजा कर तारों का दर्शन कर उन्हें जल का अर्घ्य देती हैं तभी व्रत का महत्व पूरा होता है।… इस बार रविवार को सूर्योदयकाल से अष्टमी तिथि उपस्थित रहेगी और रात्रि तक उपस्थित रहेगी। ज्योतिष अन्वेषक अमित गुप्ता के अनुसार अष्टमी तिथि चार नवंबर को रात्रि 12.58 बजे से रहेगी और पांच नवंबर की रात्रि तक 3.58 बजे तक रहेगी। उदया व्यापनी तिथि होने से व्रत पांच नवंबर को रखा जाएगा। इस वर्ष यह पर्व रवि पुष्य नक्षत्र के अत्यंत महत्वपूर्ण योग में पड़ रहा है।
पूजन का समय
विभोर इंदुसूत के अनुसार 5 नवंबर रविवार को सुबह 6:40 बजे सूर्योदय के समय से अष्टमी तिथि उपस्थित रहेगी। अहोई अष्टमी व्रत करने वाली माताएं सूर्योदय के बाद किसी भी समय अहोई माता का पूजन और व्रत का संकल्प ले सकती हैं। पूजन का समय शाम 5:53 से 6:57 बजे तक विशेष रूप से शुभ है।
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