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कान्हा के जन्म के बाद जरूर करें ये उपाय, हो जाएंगे मालामाल

भगवान श्री कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के उपाय करते हैं। इस दिन व्रत भी रखा जाता है। भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव पर भगवान श्री कृष्ण की विधि- विधान से पूजा- अर्चना करनी चाहिए।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 7 Sep 2023 07:27 PM
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हर साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व भाद्र पद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता रहा है। द्वापर युग मे भगवान कृष्ण ने रोहिणी नक्षत्र में मध्य रात्रि के समय देवकी मां के गर्भ से धरती पर जन्म लिया था। प्रभु कृष्ण, विष्णु जी के आठवें अवतार माने जाते हैं। आज देशभर में धूम- धाम से जन्माष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है। रात्रि 12 बजे भगवान श्री कृष्ण का जन्म होगा। भगवान श्री कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के उपाय करते हैं। इस दिन व्रत भी रखा जाता है। भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव पर भगवान श्री कृष्ण की विधि- विधान से पूजा- अर्चना करनी चाहिए। इस पावन दिन ये आरती जरूर पढ़ें...

आरती श्री कृष्ण भगवान-
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

गले में बैजंती माला,
बजावै मुरली मधुर बाला ।
श्रवण में कुण्डल झलकाला,
नंद के आनंद नंदलाला ।
गगन सम अंग कांति काली,
राधिका चमक रही आली ।
लतन में ठाढ़े बनमाली
भ्रमर सी अलक,
कस्तूरी तिलक,
चंद्र सी झलक,
ललित छवि श्यामा प्यारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की...॥

कनकमय मोर मुकुट बिलसै,
देवता दरसन को तरसैं ।
गगन सों सुमन रासि बरसै ।
बजे मुरचंग,
मधुर मिरदंग,
ग्वालिन संग,
अतुल रति गोप कुमारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की...॥

जहां ते प्रकट भई गंगा,
सकल मन हारिणि श्री गंगा ।
स्मरन ते होत मोह भंगा
बसी शिव सीस,
जटा के बीच,
हरै अघ कीच,
चरन छवि श्रीबनवारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की...॥

चमकती उज्ज्वल तट रेनू,
बज रही वृंदावन बेनू ।
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू
हंसत मृदु मंद,
चांदनी चंद,
कटत भव फंद,
टेर सुन दीन दुखारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की...॥

आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
 

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