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कार्तिकेय भगवान से है इस नक्षत्र का नाता, इस में जन्म लोग होते हैं तेज बुद्धिवाले

Krittika Nakshatra Traits Predictionsकृतिका नक्षत्र का नाम भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय से जुड़ा हुआ है। कार्तिकेय देवताओं के सेनापति हैं। इसलिए इस नक्षत्र में जिन लोगों का जन्म होता है, वे काफी तेजस्वी और तेज बुद्धि के स्वामी होते हैं।

Anuradha Pandey डॉ संजीव कुमार शर्माTue, 18 June 2024 01:22 PM
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कृतिका नक्षत्र का नाम भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय से जुड़ा हुआ है। कार्तिकेय देवताओं के सेनापति हैं। इसलिए इस नक्षत्र में जिन लोगों का जन्म होता है, वे काफी तेजस्वी और तेज बुद्धि के स्वामी होते हैं। आइए देखें कृतिका नक्षत्र में पैदा हुए लोगों की क्या खूबियां होती हैं…

सूर्य द्वारा शासित इस नक्षत्र में चंद्रमा की स्थिति मेष राशि में 26 डिग्री 40 मिनट से लेकर वृषभ राशि में 10 डिग्री तक होती है। इस नक्षत्र में जन्मे लोग ऊर्जावान, साहसी, प्रबल इच्छा शक्ति वाले और नेतृत्व करने वाले होते हैं। इस नक्षत्र का प्रतीक चाकू होता है। इसका स्वामी सूर्य सत्ता, ऊर्जा और जीवन शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। कृतिका नक्षत्र के चार चरण इस प्रकार हैं

पहला चरण 26 डिग्री 40 मिनट मेष से 0 डिग्री वृष तक यह चरण आत्मज्ञान और व्यक्तिगत ऊर्जा से संबंधित है। इस चरण में जन्मे लोग स्वयं की पहचान स्थापित करने की दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ ही आत्मविश्वासी, महत्वाकांक्षी और नेतृत्व करने वाले होते हैं। इनमें कई बार हठ की प्रवृत्ति भी देखी जाती है।

दूसरा चरण 0 डिग्री वृष से 3 डिग्री 20 मिनट वृष तक चंद्रमा द्वारा शासित दूसरा चरण भावुकता, संवेदनशीलता और शिक्षा से संबंधित है। इस चरण में जन्मे लोग सहानुभूति और मजबूत पारिवारिक तथा सामाजिक संबंध रखने वाले होते हैं। ऐसे व्यक्तियों में कला और संगीत के प्रति सहज ज्ञान होता है। यह लोग कई बार चिड़चिड़े और अति संवेदनशील भी हो जाते हैं।

तीसरा चरण 3 डिग्री 20 मिनट से 6 डिग्री 40 मिनट वृष राशि तक साहसिक कार्यों और आक्रामक ऊर्जा से संबंधित तीसरा चरण मंगल ग्रह द्वारा शासित है। इसमें जन्मे लोग ऊर्जावान और साहसी होने के कारण खेल और शारीरिक गतिविधियों के प्रति झुकाव रखते हैं। इनमें आवेगी और अधीर होने की प्रवृत्ति भी होती है।

चौथा चरण 6 डिग्री 40 मिनट से 10 डिग्री वृष राशि तक संचार बुद्धि और बहुमुखी प्रतिभा से संबंधित चौथा चरण बुध ग्रह द्वारा शासित है। इस चरण में जन्मे लोग जिज्ञासु प्रवृत्ति के होते हैं। इनमें शिक्षण का स्वाभाविक गुण होता है। हालांकि विश्लेषणात्मक युक्तियों और अच्छी समझ रखने वाले इन लोगों में कई बार अस्थिरता और अस्त-व्यस्तता की प्रवृत्ति भी होती है।

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