Eid ul Adha 2024: आज मनाया जाएगा कुर्बानी का त्योहार ईद-उल-अजहा, जानें इस दिन का महत्व
Eid ul Adha 2024:
अल्लाह की राह में कुर्बानी देने का त्योहार ईद-उल-अज़हाआज रवायत व परंपरा के अनुसार मनाया जाएगा। कुर्बानी का सिलसिला19 जून तक चलेगा। कुर्बानी को लेकर मुसलमानों में खूब उत्साह है। बकरीद इस्लाम के सबसे पवित्र त्योहारों में एक है। इस्लाम में साल भर में दो ईद मनाई जाती हैं। एक को ‘मीठी ईद कहा जाता है. और दूसरी को ‘बकरीद। ईद सबसे प्रेम करने का संदेश देती है। बकरीद अपना कर्तव्य निभाने का, अल्लाह पर विश्वास रखने का, ईद-उल-अजहा कुर्बानी का दिन भी होता है।
ईद की नमाज अदा करने के लिए जाएंगे। ईदगाह में नमाज अदा करने के बाद लोग एक-दूसरे को ईद का बधाई देंगे। उसके बाद लोग अपने-अपने घर आकर बकरों की कुर्बानी देंगे।लखनऊ की ईदगाहों व मस्जिदों में ईद-उल-अजहा की नमाज आज कअदा की जाएगी। ईद-उल-अजहा की नमाज ऐशबाग ईदगाह में सुबह 10 बजे और आसिफी मस्जिद (बड़ा इमामबाड़ा) में 11 बजे होगी। सबसे पहले मस्जिद सुप्पन खां (कुरैशिया) खूनीपुर, बेनीगंज ईदगाह रोड मस्जिद में सुबह 530 बजे व चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर में सुबह 545 बजे अदा की जाएगी। सबसे अंत में सुन्नी जामा मस्जिद सौदागर मोहल्ला में सुबह 1030 बजे ईद-उल-अज़हा की नमाज़ होगी। त्योहार को लेकर रविवार को बाजार में देर रात तक रौनक रही। तैयारियों में जुटे लोगों ने बाजार से जमकर खरीदारी की।
भाईचारे का त्योहार
अबू बकर मस्जिद के इमाम मौलाना शाजिद रहमानी ने बताया कि बकरीद एकता और भाईचारे का त्योहार है। पवित्र कुरआन में फरमान है-अल्लाह तुम्हारी कुर्बानी के गोश्त का मोहताज नहीं है। बकरीद अल्लाह से करीब होने का जरिया अल्लाह से कुर्ब (करीब) होने का जरिया है कुर्बानी। गरीब- मोहताजों का ख्याल रखना चाहिए। अमन, सुकून, भाईचारे, ऐहतराम के साथ परदे का भी ख्याल रहे।
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