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Sharad Purnima Vrat Katha: आज शरद पूर्णिमा के दिन जरूर पढ़ें ये व्रत कथा

  • Sharad purnima vrat katha: आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है। शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं के साथ चमकता है। शरद पूर्णिमा के दिन लोग व्रत करते हैं। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन कथा सुनने या पढ़ने के बाद ही व्रत का संपूर्ण फल मिलता है।

Saumya Tiwari लाइव हिन्दुस्तानWed, 16 Oct 2024 11:03 AM
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Sharad Purnima 2024 Vrat Katha: शरद पूर्णिमा का व्रत हर वर्ष आश्विन मास की पूर्णिमा को रखा जाता है। इस साल शरद पूर्णिमा 16 अक्टूबर 2024, बुधवार को है। इस दिन स्नान-दान करना अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा व्रत करने से जीवन में खुशहाली व सुख-संपदा का आगमन होता है। शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र देव की पूजा करने का विधान है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन ही समुद्र मंथन से मां लक्ष्मी प्रकट हुई थीं। शरद पूर्णिमा के दिन चांदनी रात में खुले आसमान के नीचे खीर रखने की परंपरा है। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन व्रत कथा सुनने या पढ़ने के बाद ही व्रत का संपूर्ण फल प्राप्त होता है।

शरद पूर्णिमा व्रत कथा-

प्राचीन समय की बात है एक व्यापारी की दो बेटियां थीं। दोनों धार्मिक स्वभाव की थी। दोनों बेटियों धर्म-कर्म में विशेष रूचि रखती थीं। प्रतिदिन भगवान विष्णु की पूजा करती थीं। एक साथ पूर्णिमा का व्रत भी करती थीं। भगवान विष्णु की कृपा से दोनों की शादी अच्छे परिवार में हुई। शादी के बाद भी दोनों ने पूर्णिमा व्रत रखा।

लेकिन छोटी बेटी पूरा व्रत नहीं रख पाती थी। इसके लिए शाम के समय भोजन कर लेती थी। इसके कारण व्रत का पुण्य फल प्राप्त नहीं होता था। वहीं बड़ी बेटी व्रत को पूरे श्रद्धा-भाव से करती थी। उसे व्रत के पुण्य प्रताप से पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। इसके बाद लगातार पूर्णिमा व्रत करने से छोटी बेटी को भी संतान की प्राप्ति हुई। हालांकि छोटी बेटी की संतान दीर्घायु नहीं होती थी। एक बार जब छोटी बेटी संतान के शोक में बैठी थी।

तभी उसकी बड़ी बहन आई। उस समय वह पुत्र को खोने का संताप कर रही थी। उसी पल बड़ी बह के वस्त्र छूने से छोटी बहन का पुत्र जीवित हो उठा। यह देखकर छोटी बहन बहुत प्रसन्न हुई और खुशी के कारण रोने लगी। तभी बड़ी बहन ने पूर्णिमा व्रत की महिमा बताई। उस समय छोटी बहन ने पूर्णिमा व्रत को विधि-विधान के साथ किया। अन्य लोगों को भी व्रत करने की सलाह दी। शरद पूर्णिमा व्रत करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है। चंद्रमा के मजबूत होने से जातक को कार्यों में सफलता हासिल होती है।

इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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