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Sharad Purnima : शरद पूर्णिमा को क्यों कहते हैं रास और कोजागर पूर्णिमा? यहां जानें संपूर्ण पूजा-विधि

  • शरद पूर्णिमा 16 अक्टूबर को है। जगन्नाथ मंदिर के पंडित सौरभ कुमार मिश्रा ने बताया कि यह हर साल अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, सालभर में 12 पूर्णिमा तिथियां होती है। इसमें शरद पूर्णिमा को विशेष महत्व है।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 14 Oct 2024 02:28 PM
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शरद पूर्णिमा 16 अक्टूबर को है। जगन्नाथ मंदिर के पंडित सौरभ कुमार मिश्रा ने बताया कि यह हर साल अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, सालभर में 12 पूर्णिमा तिथियां होती है। इसमें शरद पूर्णिमा को विशेष महत्व है। शरद पूर्णिमा को रास पूर्णिमा और कोजागर पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के संग महारास रचाया था, इसलिए इसे रास पूर्णिमा कहते हैं। वहीं, शरद पूर्णिमा की रात माता लक्ष्मी पृथ्वी पर विचरण करती हैं, जिसे कोजागर पूर्णिमा के नाम से जानते हैं। शरद पूर्णिमा की रात में खुले आसमान के नीचे खीर रखते हैं।

पूजा-विधि:

इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का बहुत अधिक महत्व होता है। आप नहाने के पानी में गंगा जल डालकर स्नान भी कर सकते हैं। नहाते समय सभी पावन नदियों का ध्यान कर लें।

नहाने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।

अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।

सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।

पूर्णिमा के पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना का विशेष महत्व होता है।

इस दिन विष्णु भगवान के साथ माता लक्ष्मी की पूजा- अर्चना भी करें।

भगवान विष्णु को भोग लगाएं। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को भी शामिल करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी के बिना भगवान विष्णु भोग स्वीकार नहीं करते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।

भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें।

इस पावन दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का अधिक से अधिक ध्यान करें।

पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व होता है।

चंद्रोदय होने के बाद चंद्रमा की पूजा अवश्य करें।

चंद्रमा को अर्घ्य देने से दोषों से मुक्ति मिलती है।

इस दिन जरूरतमंद लोगों की मदद करें।

अगर आपके घर के आसपास गाय है तो गाय को भोजन जरूर कराएं। गाय को भोजन कराने से कई तरह के दोषों से मुक्ति मिल जाती है।

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