हस्त रेखा: कर्म व भाग्य को बताता है हथेली का शनि पर्वत, जानें हाथ में कहां होता है व अन्य बातें
- Shani Parvat in Hand: सामुद्रिक शास्त्र में शनि पर्वत का विशेष महत्व है। शनि पर्वत के जरिए व्यक्ति के कर्म व भाग्य आदि की जानकारी मिलती है। जानें
Palmistry Shani Parvat: हथेली पर कई आड़ी तिरछी देखती हैं, ये रेखा हमारे भविष्य की जानकारी देती हैं। इन रेखाओं के आधार पर हस्त रेखा विज्ञान की मदद से व्यक्ति के भूत, भविष्य व वर्तमान का पता चलता है। हस्त रेखा शास्त्र के अनुसार, हथेली पर उभरे हुए भागों को पर्वत कहा जाता है। इनमें से एक शनि पर्वत होता है। कहा जाता है कि शनि पर्वत कर्म व भाग्य को दर्शाता है। जानें हथेली पर बनने वाले शनि पर्वत से जुड़ी खास बातें-
हथेली में कहां होता है शनि पर्वत- शनि पर्वत हथेली के मध्य भाग में, मध्यमा अंगुली के नीचे होता है। हाथ की सबसे बड़ी उंगली जिसे मध्यमा कहा जाता है, उसे ही हस्त रेखा विज्ञान में शनि की अंगुली कहा जाता है। शनि की मध्यमा उंगली के ठीक नीचे के स्थान का क्षेत्र शनि पर्वत माना गया है। शनि पर्वत कर्म, भाग्य व जीवन में आने वाले उतार-चढ़ाव को बताता है। हस्त रेखा शास्त्र कहता है कि एक साफ व उभरा हुआ शनि पर्वत व्यक्ति को कठिन परिश्रम करने व सफलता पाने की क्षमता दिलाता है।
शनि पर्वत से जुड़ी अन्य जरूरी बातें-
हस्त रेखा शास्त्र के अनुसार, जिस व्यक्ति की हथेली पर शनि पर्वत होता है, वह व्यक्ति जीवन में सफलता प्राप्त करता है। अगर शनि पर्वत पर मंदिर का निशाता बनता है तो ऐसे व्यक्तियों के राजनेता बनने की मान्यता है। कहा जाता है कि शनि पर्वत अगर व्यक्ति के लिए अनुकूल स्थिति में होता है तो सुख-संपत्ति व मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है। अगर शनि पर्वत स्पष्ट तौर पर उभरा नहीं होता तो ऐसे लोग परिवार की चिंता कम करते हैं। हस्त रेखा शास्त्र की मानें तो ऐसे लोग आम तौर संदेह करने वाले होते हैं।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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