आज शिवरात्रि पर इस समय से चढ़ाएं शिवलिंग पर जल, जान लें संपूर्ण पूजा-विधि
- इस बार श्रावण मास में शिवरात्रि दो अगस्त को मनाई जाएगी। इस पर कई विशेष योग बन रहे हैं। ज्योतिषाचार्य राकेश शुक्ल ने बताया कि श्रावण मास की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है।
इस बार श्रावण मास में शिवरात्रि दो अगस्त को मनाई जाएगी। इस पर कई विशेष योग बन रहे हैं। ज्योतिषाचार्य राकेश शुक्ल ने बताया कि श्रावण मास की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। वर्ष में 12 शिवरात्रि होती हैं, जिसमें श्रावण और फाल्गुन मास की शिवरात्रि विशेष होती है। इस बार शिवरात्रि का पर्व शुक्रवार को पड़ रहा है जो कि कई विशेषताओं को दर्शाता है।
कहा कि आर्द्रा नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग में यह पर्व पड़ने से भक्तों पर भगवान शिव की विशेष कृपा रहेगी। कार्य सिद्धि के साथ-साथ मां लक्ष्मी की भी विशेष कृपा प्राप्त होगी क्योंकि शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी का होता है। भगवान शिव को भी ये दिन अधिक प्रिय होता है। दूसरी विशेषता यह है कि भद्रा जलाभिषेक में बाधक नहीं होगी। दो अगस्त को अपराह्न 3:27 पर चतुर्दशी तिथि प्रारंभ होने के साथ ही भद्रा का भी प्रारंभ हो जाएगा। भद्रा काल के दौरान कांवड़ का जला अभिषेक करना सर्वथा निषेध माना जाता है। लेकिन मिथुन राशि की भद्रा होने से स्वर्ग लोक में निवास होगा। ऐसा कहा गया है कि स्वर्गभद्रा शुभम कार्यक्रम दो अगस्त 2024 को चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ दोपहर बाद 3:27 से होगा और अगले दिन तीन अगस्त 2024 को दोपहर बाद 3:50 पर समाप्त होगा। रात्रि व्यापिनी चतुर्दशी तिथि के दृष्टिगत दो और तीन अगस्त को जलाभिषेक होगा।
भगवान शिव का जलाभिषेक करने की विधि- शिवरात्रि पर शिवलिंग का जलाभिषेक करने का विशेष महत्व है। शिवलिंग पर पंचामृत से रुद्राभिषेक करें और इसके बाद बेलपत्र अर्पित करें। शिवलिंग पर अब धतूरा, भांग, चंदन, अक्षत व पुष्प आदि अर्पित करें। इसके बाद भगवान शिव के समक्ष दीपक जलाएं। शिव चालीसा का पाठ करें और आखिरी में आरती करें।
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