भारत में इन स्थानों में स्थित हैं रावण के मंदिर, दशहरा के दिन मनाया जाता है शोक
- असत्य पर सत्य की जीत का पर्व विजयदशमी यानी दशहरा 12 अक्तूबर को है। नवरात्रि के नौ दिन पूरे होने के बाद दशमी तिथि पर यह पावन पर्व मनाया जाता है। इसी पावन दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने लंकाधिपति रावण का वध किया था। भारत में कई जगह पर रावण के मंदिर हैं।
असत्य पर सत्य की जीत का पर्व विजयदशमी यानी दशहरा 12 अक्तूबर को है। नवरात्रि के नौ दिन पूरे होने के बाद दशमी तिथि पर यह पावन पर्व मनाया जाता है। इसी पावन दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने लंकाधिपति रावण का वध किया था। रावण शिव जी का बहुत बड़ा भक्त था। भारत में कई जगह पर रावण के मंदिर हैं। आइए जानते हैं, भारत में किन स्थानों पर हैं रावण के मंदिर…
मंदसौर, मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश के मंदसौर में रावण का मंदिर है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार रावण को मंदसौर का दामाद माना जाता है। मंदसौर मंदोदरी का मायका है। मंदोदरी के नाम पर ही इस जगह का नाम मंदसौर पड़ा। यह रावण का पहला मंदिर है। यहां पर रावण की रुण्डी नाम की विशाल मूर्ति है जिसकी पूजा की जाती है। इस मंदिर में पूजा करने के दौरान महिलाएं घूंघट में रहती हैं।
विदिशा, मध्य प्रदेश
विदिशा रावण की पत्नी मंदोदरी का जन्म स्थान है। यहां पर रावण की 10 फीट लंबी प्रतिमा है। विदिशा में दशहरे की दिन लोग रावण की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।
दशानन मंदिर, कानपुर, उत्तर प्रदेश
कानपुर के शिवाला क्षेत्र में रावण का मंदिर है। इस मंदिर के कपाट साल में सिर्फ एक बार दशहरा के दिन खुलते हैं। दशहरा के दिन इस मंदिर में रावण की मूर्ति का श्रंगार किया जाता है और फिर आरती भी की जाती है। मान्यता है कि इस मंदिर में तेल के दिए जलाने पर सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।
कोलार, कर्नाटक
कोलार के मालवल्ली तहसील में रावण का एक मंदिर भी है। मान्यता के अनुसार भगवान शिव का परम भक्त होने के कारण कोलार में रावण की पूजा की जाती है।
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