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रक्षाबंधन पर शनिदेव की बहन भद्रा आएंगी धरती लोक,जानें राखी बांधने का मुहूर्त,मंत्र और सभी डिटेल्स

  • Raskha Bandhan 2024 Panchang : पंचांग के अनुसार,रक्षाबंधन के दिन भद्रा और पंचक दोनों लग रहा है। ज्योतिष में इस दौरान शुभ कार्यों की मनाही होती है। मान्यता है इससे जीवन में कष्टों का सामना करना पड़ता है।

Arti Tripathi लाइव हिन्दुस्तानMon, 19 Aug 2024 01:53 PM
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Raskha Bandhan 2024 : देशभर में कल भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक का पर्व रक्षाबंधन मनाया जाएगा। हर साल सावन मास की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन मनाया जाता है। इस साल रक्षाबंधन का त्योहार सावन के आखिरी सोमवार के दिन पड़ेगा। इसलिए इस दिन शिव भक्तों को शिवजी की पूजा-उपासना और उन्हें प्रसन्न करने का यह अंतिम मौका रहेगा। दृक पंचांग के अनुसार, इस साल 19 अगस्त 2024 के दिन भद्राकाल और पंचक दोनों लगेगा। इस दौरान शुभ कार्यों के सख्त मनाही होती है। धार्मिक मान्यता है कि भद्रा मुहूर्त में रावण की बहन शुर्पणखा ने रावण को राखी बांध दी थी, जिससे 1 वर्ष के भीतर उसका कुल नष्ट हो गया था। भद्रा के पाताल-लोक में होने पर आप भाई को राखी बांध सकते हैं, लेकिन धरतीलोक पर मौजूद होने पर राखी नहीं बांधी जाती है। आइए जानते हैं रक्षाबंधन पर राखी बांधने का मुहूर्त और मंत्र

रक्षाबंधन 2024 की सही तिथि : दृक पंचांग के अनुसार, 19 अगस्त 2024 को सुबह 03 बजकर 04 मिनट पर पूर्णिमा तिथि की शुरुआत होगी और रात 11 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगी । इसलिए उदयातिथि के अनुसार, 19 अगस्त को ही रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा।

राखी बांधने का मुहूर्त : रक्षाबंधन के दिन सुबह 05 बजकर 53 मिनट से लेकर 01 बजकर 32 मिनट तक भद्राकाल रहेगा। इसके बाद शाम को 07:00 पी एम से अगले दिन 20 अगस्त 2024 को सुबह 05:53 ए एम तक पंचक लगेगा। इसलिए राखी बांधने का सबसे उत्तम मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 40 मिनट से शुरू होकर शाम को 6 बजकर 30 मिनट तक रहेगा।

इन देवताओं का बांधे राखी : रक्षाबंधन के दिन सबसे पहले गणेश भगवान, भगवान कृष्ण को और फिर भाई को राखी बांधना चाहिए। भाई के दाहिने हाथ में राखी बांधते समय उसके हथेली पर अक्षत और इलायची रख दें और मुट्ठी बंद करें। अब राखी बांधे और राखी बांधने के बाद भाई को अक्षत और इलायची को लॉकर या तिजोरी में रख सकते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से भाई के जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है।

राखी बांधते समय इन मंत्रों का करे जाप :

ऊँ येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबलः

लेन त्वां प्रतिबध्नामि, रक्षेमाचल माचलः।।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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