रक्षा बंधन और सावन का अंतिम सोमवार आज, भद्रा का भी रहेगा साया
- भाई-बहनों के प्रेम का प्रतीक पर्व रक्षा बन्धन 19 अगस्त देशभर में मनाया जाएगा। श्रावण मास का आखिरी सोमवार भी है। इस दिन भगवान शिव के भक्त मंदिरों में जाकर शिव पूजा व शिवलिंग पर जलाभिषेक कर भगवान आशुतोष का आशीर्वाद लेंगे।
भाई-बहनों के प्रेम का प्रतीक पर्व रक्षा बन्धन 19 अगस्त देशभर में मनाया जाएगा। श्रावण मास का आखिरी सोमवार भी है। इस दिन भगवान शिव के भक्त मंदिरों में जाकर शिव पूजा व शिवलिंग पर जलाभिषेक कर भगवान आशुतोष का आशीर्वाद लेंगे। सोमवार को श्रावण मास का आखिरी सोमवार है। आज शहर के सभी शिवालयों में भगवान आशुतोष की पूजा अर्चना कर शिवलिंग पर जलाभिषेक किया जाएगा तथा भगवान शिव पर पुष्प, फल, बेलपत्र, पंचामृत अर्पित करते हुए धूप-दीप से भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाएगी। सोमवार को ही भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षा बन्धन पर्व भी मनाया जाएगा। रक्षा बंधन भाई-बहनों के बीच अटूट प्यार को दर्शाने के लिए मनाया जाता है। यह त्यौहार प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि पर पड़ता है। इस दिन बहनें पूजा-अर्चना करके भाइयों की कलाइयों पर राखी बांधती हैं और उनके स्वास्थ्य व जीवन में सफल होने की कामना करती हैं। वहीं भाई अपनी बहनों की रक्षा करने, उन्हें प्यार करने और बिपरीत स्थिति में उनकी मदद करने के लिए हमेशा तैयारी रहने की वचन देते हैं।
कहा जाता है कि राजा की दानवीरता देख भगवान प्रसन्न हुए और राजा बलि को पाताल लोक का राजा बना दिया। तब राजा बलि ने यह वरदान मांगा कि आप मेरे साथ पाताल लोक में रहें। लेकिन इस वचन के कारण माता लक्ष्मी परेशान हो उठीं। तब माता लक्ष्मी ने एक गरीब महिला का रूप धारण किया और राजा बलि के पास पहुंचकर उन्हें राखी बांधी।
रक्षा बन्धन पर्व पर इस बार भद्रा आ रही है। कहा जाता है कि भद्रा नक्षत्र में कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता है, जिस कारण भद्रा काल में राखी बंधाना निषेध माना गया है। पंडित अवधराज ने बताया कि 19अगस्त को प्रात: 9.51 मिनट से प्रात: 10.54 मिनट तक भद्रा पुछ्य काल रहेगी। यह समय राखी बांधने का शुभ मुहूर्त रहेगा। इस समय में राखी बांधें। इसके बाद भद्रा पुछ्य आरम्भ हो जाएगा, तो दोपहर 1.30 बजे तक रहेगा। दोपहर 1.31 मिनट के बाद दूसरा मुहूर्त हर समय रहेगा।