Rakhi bhadra timing:रक्षाबंधन पर भद्रा का असर है या नहीं, सबसे पहले राखी पूजा, रात को राखी का टाइम, मंत्र, विधि
rakhi bandhne ka samay:रक्षा बंधन पर राखी के समय को लेकर भद्रा का विचार किया जाता है। इस बार 19 अगस्त को रक्षा बंधन पर भद्रा सुबह से लग जाएगी। होली और रक्षा बंधन पर भद्रा के समय का विचार किया जाता है।
श्रावण पूर्णिमा की तिथि पर भाइयों को राखी बांधने के लिए बहनों को लंबा इंतजार करना होगा। बहनें अगर भद्रा की टाइमिंग को लेकर कंफ्यूज हैं, तो बता दें कि रक्षा बंधन का पर्व भद्रा के कारण दोपहर बाद मनााया जाएगा। होली और रक्षा बंधन पर भद्रा का विचार किया जाता है। इस बार भद्रा सुबह सूर्योदय से पहले लग जाएगी, जो सात घंटे 40 मिनट तक रहेगा। दोपहर में भद्रा समाप्त होने के बाद से मध्यरात्रि के कुछ मिनट पहले तक बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांध सकेंगी। रक्षा बंधन पर सबसे पहले मंदिर में पूजा करें और सर्वप्रथम गणेश जी को राखी बांधे। इससे ही राखी की शुरुआत होती है।
Rakhi kab bandhein
ज्योतिष शास्त्रत्त् के अनुसार, श्रावण पूर्णिमा पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त दोपहर बाद मिलेगा। ज्योतिषाचार्य डॉ. मुकेश कुमार दुबे ने बताया कि सावन पूर्णिमा को भोर में 5.53 बजे भद्रा लग जाएगा। यह दोपहर 1.33 बजे तक रहेगा। उसके बाद बहनें भाइयों को राखी बांध सकती हैं। कुछ ज्योतिषियों का यह भी मानना है कि रक्षा बंधन के दिन चंद्रमा मकर राशि में हैं, इसलिए भद्रा पृथ्वीलोक में और इसका असर नहीं होगा। सनातन धर्म के निर्णायक ग्रंथ निर्णय सिंधु के अनुसार रक्षाबंधन पर्व उदया तिथि के अनुसार 19 अगस्त को ही मनाया जाएगा। यह पर्व दोपहर एक बजकर 33 मिनट से रात्रि 11 बजकर 55 मिनट तक मनाया जा सकता है।
Rakhi Bhadra timing
राखी अगर एक बार बंध गईहै तो कोशिश करें कि इसे जन्माष्टमी तक पहनें। अगर जन्माष्टमी तक नहीं बांध सकते हैं, तो कोशिश करें कि किसी अच्छे दिन इसे किसी पेड़ के पास रख दें। इसे अधर-उधर न फेंके
Rakhi Bhadra timing डॉ. मुकेश कुमार दुबे ने बताया कि ब्राह्मण सुबह श्रावणी उपाकर्म कर सकते हैं। इस पर भद्रा का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। शुक्लयजुर्वेदी ब्राह्मण तीन प्रहर की पूर्णिमा, जबकि सामवेद और अथर्व वेद को मानने वाले ब्राह्मण उदया तिथि के अनुसार श्रावणी करते हैं। इसलिए वे इस विधान का संपादन 19 अगस्त को करेंगे।
Raksha bandhan mantra
राखी बांधते समय येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि, रक्षे माचल माचलः। मंत्र बोलना चाहिए। इस समय बहन को भाई की नजर उतारनी चाहिए और पूर्व दिशा में मुंह करके भाई के सिर पर कपड़ा रखकर तिलक करना चाहिए। नारियल अगर रिवाज हो तो देना चाहिए। आरती उतारनी चाहिए और फिर मिठाई खिलानी चाहिए।
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