रात 9 बजे तक बांधी जाएगी राखी, भाई को तिलक करते समय जरूर रखें 1 बात का ध्यान
- रक्षा बंधन के साथ-साथ श्रावण महीने की अंतिम सोमवारी भी आज है। 1.32 बजे के बाद भद्रा का प्रकोप समाप्त हो जाएगा। इसके बाद ही भाइयों की कलाई पर राखी सज पाएगी।
आज जहां शिव की उपासना होगी वहीं, भाइयों की दीर्घायु कामना के लिए राखी भी बांधी जाएगी। रक्षाबंधन के त्योहार में उचित और शुभ मुहूर्त का पूरा पूरा ख्याल रखा जाना अति आवश्यक है। हर पंचाग में भद्राकाल के दौरान राखी बांधने को वर्जित बताया गया है। शुक्लपक्ष की पूर्णिमा तिथि सोमवार को है। रक्षाबंधन के साथ-साथ श्रावण मास की अंतिम सोमवारी भी है। रक्षाबंधन पर राखी से भाइयों की कलाई सजेगी। आज प्रातः 3:06 बजे पूर्णिमा तिथि का प्रवेश हो रहा है। खास बात यह है कि इस साल रक्षाबंधन के दिन सावन की आखिरी सोमवारी भी है।
दोपहर में कब मनाया जाएगा रक्षाबंधन?
भद्राकाल में रक्षा बंधन का त्योहार मनाना निषेध है। इस साल जैसे ही पूर्णिमा तिथि का प्रेवश हो रहा है। साथ में भद्रा भी लग रही है। इसलिए इस काल में राखी बांधना या बंधवाना निषेध है। 1.32 बजे के बाद भद्रा का प्रकोप समाप्त हो जाएगा। इसके बाद ही भाइयों की कलाई पर राखी सजेगी। राखी बांधने का शुभ मुहूर्त दोपहर 01:30 बजे के बाद से रात 09:07 तक है।
तिलक करते समय जरूर रखें 1 बात का ध्यान
वेदाचार्य रमेशचंद्र त्रिपाठी बताते हैं कि रक्षाबंधन के दिन राखी बंधवाने के साथ-साथ अपने आराध्य की आराधना अवश्य करें। राखी बांधते समय बहनें अपने भाइयों की मस्तक पर तिलक अवश्य लगाएं। तिलक लगाते समय इस बात का ख्याल रखें कि तिलक के साथ लगाया जाने वाला अक्षत टूटा हुआ न हो। टूटे हुए चावल के दाने अशुभ माने जाते हैं। अपने भाई की सफलता की कामना के लिए आप हल्दी वाले अक्षत का तिलक लगा सकती हैं। वहीं, कुमकुम, चंदन, दही और केसर का तिलक लागने से भाई की आयु बढ़ती है और जीवन में कामयाबी भी मिलती है। रेशम के धागे से बनी राखी बंधना बेहद शुभ माना जाता है।
तिलक करते समय पढ़ें मंत्र
॥ ॐ चन्दनस्य महत्पुण्यं, पवित्रं पापनाशनम् । आपदां हरते नित्यम्, लक्ष्मीस्तिष्ठति सर्वदा ॥
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