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इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा व पंचक का रहेगा साया, ये है राखी बांधने का सबसे शुभ मुहूर्त

  • भाई-बहन के अमर प्रेम का त्योहार रक्षाबंधन पर इस बार भद्रा के साथ-साथ पंचक का साया रहने के कारण दोपहर डेढ़ बजे के बाद ही बहनों द्वारा अपने भाई की कलाई पर राखी बांधी जाएगी।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तानSun, 11 Aug 2024 05:34 AM
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भाई-बहन के अमर प्रेम का त्योहार रक्षाबंधन पर इस बार भद्रा के साथ-साथ पंचक का साया रहने के कारण दोपहर डेढ़ बजे के बाद ही बहनों द्वारा अपने भाई की कलाई पर राखी बांधी जाएगी। बतातेचलें कि इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र या राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र

की कामना करती हैं। बदले में भाई अपनी बहन को उम्र भर रक्षा का वचन और उपहार देता है। रक्षाबंधन पर राखी भद्रा या पंचक में नहीं बांधी जाती है। इस साल राखी के दिन भद्रा व पंचक दोनों का साया है, ऐसे में लोगों के बीच राखी बांधने के मुहूर्त को लेकर संशय है।

कब है रक्षाबंधन

प्रतिवर्ष सावन माह की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। आचार्य रमेश जोशी जी महाराज ने बताया कि इस साल रक्षाबंधन का त्योहार 19 अगस्त को मनाया जायेगा। उन्होंने बताया कि सावन की पूर्णिमा के दिन सोमवार को भद्रा सुबह 05:52 से दोपहर 01:32 तक रहेगी। वहीं पूर्णिमा तिथि सुबह 03:04 बजे से रात्रि के 11:55 तक रहेगा। इस कारण रक्षा सूत्र बांधने का शुभ मुहूर्त 19 अगस्त को दिन के 01:32 बजे से रात्रि के 09:07 बजे तक निर्धारित है। इस तरह रक्षाबंधन की अवधि 07 घंटे 37 मिनट तक रहने की जानकारी उन्होंने बतायी।

राखी से जुड़ी कथा-

इस त्योहार से जुड़ी कई कथाएं हैं। एक लोकप्रिय प्रसंग महाभारत से आता है जब एक बार भगवान कृष्ण की उंगली में चोट लग गई थी। भगवान कृष्ण की उंगली से खून बहने से रोकने के लिए द्रौपदी ने तुरंत अपनी साड़ी फाड़ दी। भगवान कृष्ण द्रौपदी का अपने प्रति प्रेम देखकर द्रवित हो गये और उन्होंने सदैव उसकी रक्षा करने की प्रतिज्ञा की।

एक अन्य किंवदंती के अनुसार, रक्षा बंधन सिर्फ भाई-बहन के प्यार का प्रतीक नहीं है। जब राक्षसों और देवताओं के बीच युद्ध हुआ, तो भगवान ब्रह्मा ने युद्ध के लिए जाने से पहले भगवान इंद्र की पत्नी इंद्राणी को उनकी कलाई पर बांधने के लिए एक पवित्र धागा दिया। पवित्र धागे ने पूरी लड़ाई के दौरान राजा बलि से भगवान इंद्र की रक्षा की और अंत में इंद्र की जीत हुई। तभी से धागा बुराई से सुरक्षा का प्रतीक बन गया।

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