Hindi Newsधर्म न्यूज़raksha bandhan date bhadra kaal timing shubh muhurt for tie rakhi

घनिष्ठा नक्षत्र, सिद्धि योग में रक्षाबंधन, भद्रा काल की समाप्ति के बाद ही बहनें बांधें राखी

  • सोमवार को बहन-भाई के अटूट बंधने और शुभ संकल्पों का पर्व रक्षाबंधन मनाया जाएगा। घनिष्ठा नक्षत्र व सिद्धि योग में बहनें भाईयों की कलाई रक्षासूत्र से सजाएंगी। सुबह नौ बजे श्रवण नक्षत्र रहेगा। लिहाजा, दोपहर से राखी बंधन का शुभ मुहूर्त होगा।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तानMon, 19 Aug 2024 06:42 AM
share Share

सोमवार को बहन-भाई के अटूट बंधने और शुभ संकल्पों का पर्व रक्षाबंधन मनाया जाएगा। घनिष्ठा नक्षत्र व सिद्धि योग में बहनें भाईयों की कलाई रक्षासूत्र से सजाएंगी। सुबह नौ बजे श्रवण नक्षत्र रहेगा। लिहाजा, दोपहर से राखी बंधन का शुभ मुहूर्त होगा। रक्षाबंधन पर्व को लेकर रविवार शहर के बाजार गुलजार रहे। रंग-बिरंगी, कलात्मक राखियों की डिमांड रही। खेल-खिलौने, मिठाई, गिफ्ट की दुकानें भी खूब चलीं।

रविवार दिन में भद्राकाल प्रारंभ हो गई है जो सोमवार तक रहेगा। जिला धर्माचार्य महंत विष्णु दत्त स्वामी ने बताया कि श्रवण शुक्ल पक्ष पूर्णिमा सोमवार को है। रक्षाबंधन पर्व, सावन का सोमवार बेहद शुभ है। सोमवार को सुबह से श्रवण नक्षत्र सुबह 9 बजे तक रहेगा। इसके बाद घनिष्ठा नक्षत्र आ जाएगा। जो मंगलवार दिन तक रहेगा। दोपहर दोपहर 2 बजे सिद्धयोग लग रहा है। जो मंगलवार को 2.20 मिनट तक रहेगा। लिहाजा, सोमवार को दोपहर 1.30 बजे के बाद बहन भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधेंगे। महंत मार्तंण स्वामी ने बताया कि घनिष्ठा नक्षत्र व सिद्धि योग में रक्षाबंधन पर्व बेहद शुभ है। भद्रा में राखी नहीं बांधी जाती है। लिहाजा, दोपहर 1.30 बजे ही बहनें रक्षासूत्र बांध सकेंगी। बताया, 19 अगस्त को सावन का आखिरी दिन और आखिरी सोमवार भी है। रक्षाबंधन पर्व पर श्रवण कुमार के पूजन का विधान है। इसी दिन वेदपाठी ब्राह्मणों द्वारा जनेऊ परिर्वतन भी किया जाता है। महानगर धर्माचार्य हरिओम पाठक के अनुसार रक्षाबंधन शुभ संकल्पों का पर्व है। अंतिम दिन भक्त भोलेनाथ की उपासना करें। मनचाही मुराद पूरी होगी।

बहनें उतारें भाईयों की आरती

महंत मर्तांण स्वामी के अनुसार रक्षाबंधन पर्व पर बहनें भाई के माथे पर तिलक लगाएं। आरती अवश्य उतारें। अक्षत् (चावल) लगाएं। फिर रक्षा सूत्र बांधें। उनका मुंह मीठा अवश्य कराएं। वहीं भाई भी बहनों को अवश्य कुछ न कछ उपहार दें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें