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जातक को धनवान बनाता है पुष्य नक्षत्र, इस नक्षत्र के स्वामी हैं शनि देव

सत्ताइस नक्षत्रों में पुष्य आठवां नक्षत्र है। यह कर्क राशि में स्थित है। इसका प्रतीक गाय का थन है। यह प्रचुरता, पोषण और उर्वरता का प्रतिनिधित्व करता है। इस नक्षत्र के स्वामी शनि देव हैं।

Anuradha Pandey लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली, डॉ संजीव कुमार शर्माTue, 3 Sep 2024 05:59 AM
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सत्ताइस नक्षत्रों में पुष्य आठवां नक्षत्र है। यह कर्क राशि में स्थित है। इसका प्रतीक गाय का थन है। यह प्रचुरता, पोषण और उर्वरता का प्रतिनिधित्व करता है। इस नक्षत्र के स्वामी शनि देव हैं। इस नक्षत्र में जन्मे लोगों को अपार धन, समृद्धि और सफलता मिलती है। इस नक्षत्र के लोग सहयोगी एवं मिलनसार स्वभाव के माने जाते हैं। इसके अलावा यह लोग अपने ज्ञान और बुद्धिमानी से कठिन परिस्थितियों को सरलतापूर्वक नियंत्रित करने की क्षमता रखते हैं। यह नक्षत्र कर्क राशि में 3 डिग्री 20 मिनट से लेकर 16 डिग्री 40 मिनट के बीच होता है। मूल रूप से इस नक्षत्र में जन्मे लोग मजबूत पारिवारिक संबंध रखनेवाले, बुद्धिमान, रचनात्मक और देखभाल करनेवाले होते हैं।

इस नक्षत्र में जन्मे लोग अत्यधिक बुद्धिमान, रचनात्मक और कलात्मक होते हैं। इनका आध्यात्म के प्रति झुकाव होता है। कुंडली में शुभ स्थिति होने पर यह नक्षत्र जीवन में सौभाग्य, समृद्धि और सुख का संकेत देता है, जिससे इन लोगों को अपने पेशे और व्यक्तिगत जीवन में सफलता और धन मिलने की संभावनाएं रहती हैं।

आर्थिक मामलों में इनका हाथ सख्त होता है। धन खर्च करने से पहले काफी सोच-विचार करते हैं, लेकिन कोई इनके पास मदद की आस लिए आता है तो यह उसको लाभ जरूर पहुंचाते हैं। सामाजिक कार्यों में इनकी विशेष रुचि होती है। इनके जीवन में न्याय और सत्य का बहुत महत्व होता है। इन्हें एक स्थान और एक स्थिति में लंबे समय तक टिके रहना पसंद नहीं होता।

इस नक्षत्र के अशुभ और नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं

नियमित रूप से बृहस्पति मंत्र का जाप इसके हानिकारक प्रभाव को कम करने में मदद करता है।

इस नक्षत्र की नकारात्मकता को कम करने के लिए पुखराज रत्न धारण किया जा सकता है।

गुरुवार के दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति की पूजा करने से भी इसके नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है।

बृहस्पतिवार के रत्न पुखराज को अभिमंत्रित करके बहते जल में प्रवाहित करने से भी इस नक्षत्र की नकारात्मकता कम होती है।

इसके अलावा दान करने, गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने से भी इस नक्षत्र के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं।

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