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प्रदोष व्रत के दिन इस सरल विधि से करें शिव-गौरी की पूजा, नोट कर लें मुहूर्त और पूजा सामग्री लिस्ट

Pradosh Vrat September 2024 : सितंबर माह का आखिरी प्रदोष व्रत आज 29 सितंबर को रखा जा रहा है। इस दिन शिव-गौरी की पूजा-अर्चना बेहद शुभ मानी जाती है। मान्यता है कि इससे सभी मनोकामना पूरी होती है।

Arti Tripathi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 29 Sep 2024 09:29 AM
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Pradosh Vrat September 2024 : हिंदू धर्म में हर माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। यह विशेष दिन शिव-गौरी की आराधना के लिए समर्पित माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत रखने से जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है और सभी कष्टों से छुटकारा मिलता है। द्रिक पंचांग के अनुसार, आज 29 सितंबर को रवि प्रदोष रखा जा रहा है। इस व्रत को करने से शिव-गौरी प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। आइए जानते हैं रवि प्रदोष व्रत का मुहूर्त, पूजाविधि और संपूर्ण सामग्री लिस्ट...

प्रदोष व्रत कब है?

द्रिक पंचांग के अनुसार, अश्विन माह कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 29 सितंबर को शाम 04 बजकर 47 मिनट पर होगा और 30 सितंबर को शाम 07 बजकर 06 मिनट पर प्रदोष व्रत का समापन होगा। इसलिए प्रदोष काल पूजा मुहूर्त को ध्यान में रखते हुए आज प्रदोष व्रत रखा जा रहा है।

पूजा सामग्री लिस्ट : सोम प्रदोष व्रत के दिन शिव-गौरी की पूजा के लिए रोली,मौली, अक्षत,बेल पत्र, धतूरा, आक के फूल, सफेद चंदन, गंगाजल,शहद ,कच्चा दूध, फल,फूल,धूप-दीप, नैवेद्य,पान,सुपारी,लौंग,घी,कपूर, पंचमेवा, प्रदोष व्रत कथा की पुस्तक, शिव चालीसा, हवन सामग्री समेत सभी पूजा सामग्री एकत्रित कर लें।

सोम प्रदोष व्रत : पूजाविधि

प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठें।

स्नानादि के बाद स्वच्छ कपड़े धारण करें।

शिव-गौरी का ध्यान करें और उनकी विधिवत पूजा करें।

शिवलिंग पर जल अर्पित करें।

इसके बाद शिवजी के बीज मंत्र ऊँ नमः शिवाय का 108 बार जाप करें।

फिर दिन प्रदोष व्रत का उपवास रखें और सायंकाल में शिव पूजा आरंभ करें।

प्रदोष काल में संभव हो, तो शिव मंदिर जाएं या घर पर ही भोलेनाथ की पूजा करें।

शिवलिंग पर बेलपत्र, आक के फूल,भांग, धतूरा समेत सभी पूजा-सामग्री अर्पित करें।

ऱवि प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें। शिव चालीसा पढ़ें।

इसके शिवजी को खीर, हलवा, फल और मिठाई का भोग लगाएं।

अंत में शिव-गौरी समेत सभी देवी-देवताओं की आरती उतारें।

फिर पूजा के दौरान जाने-अनजाने में हुई गलतियों के लिए क्षमा-प्रार्थना मांगे।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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