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Pradosh Vrat : माघ माह में कब-कब रखा जाएगा प्रदोष व्रत? नोट कर लें डेट, पूजा-विधि

  • हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। साल में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं। प्रदोष व्रत भोले शंकर को ही समर्पित होते हैं। इस समय माघ माह चल रहा है। हर माह में दो बार प्रदोष व्रत पड़त है।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 18 Jan 2025 10:52 AM
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Pradosh Vrat : हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। साल में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं। प्रदोष व्रत भोले शंकर को ही समर्पित होते हैं। इस समय माघ माह चल रहा है। हर माह में दो बार प्रदोष व्रत पड़त है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। माघ माह में पड़ने वाले प्रदोष व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। प्रदोष व्रत में प्रदोष काल में ही पूजा का विशेष महत्व होता है। प्रदोष काल संध्या के समय सूर्यास्त से लगभग 45 मिनट पहले शुरू हो जाता है। कहा जाता है कि प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सप्ताह के सातों दिन के प्रदोष व्रत का अपना विशेष महत्व होता है। प्रदोष व्रत करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। इस व्रत को करने से संतान पक्ष को भी लाभ होता है। इस व्रत को करने से भगवान शंकर और माता पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है। आइए जानते हैं माघ माह में प्रदोष व्रत की डेट-

माघ माह कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत डेट- 27 जनवरी, सोमवार को माघ माह का पहला प्रदोष व्रत रखा जाएगा। यह प्रदोष व्रत सोमवार को पड़ रहा है, इसलिए इसे सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है।

मुहूर्त-

माघ, कृष्ण त्रयोदशी प्रारम्भ- 08:54 पी एम, जनवरी 26

माघ, कृष्ण त्रयोदशी समाप्त- 08:34 पी एम, जनवरी 27

प्रदोष काल- 05:42 पी एम से 08:17 पी एम

माघ माह शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत डेट-10 फरवरी, सोमवार को माघ माह का दूसरा प्रदोष व्रत रखा जाएगा। यह प्रदोष व्रत सोमवार को पड़ रहा है, इसलिए इसे सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है।

मुहूर्त-

माघ, शुक्ल त्रयोदशी प्रारम्भ - 07:25 पी एम, फरवरी 09

माघ, शुक्ल त्रयोदशी समाप्त - 06:57 पी एम, फरवरी 10

प्रदोष काल- 05:51 पी एम से 06:57 पी एम

पूजा-विधि:

सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।

स्नान करने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र पहन लें।

घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।

अगर संभव है तो व्रत करें।

भगवान भोलेनाथ का गंगाजल से अभिषेक करें।

भगवान भोलेनाथ को पुष्प अर्पित करें।

इस दिन भोलेनाथ के साथ ही माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा भी करें। किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है।

भगवान शिव को भोग लगाएं।

भगवान शिव की आरती करें।

इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।

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