प्रदोष की शाम व सुबह को इस मुहूर्त में करें शिव पूजा, जानें पूजा-विधि व उपाय
- Pradosh Time : कल गुरुवार के दिन गुरु प्रदोष का व्रत रखा जाएगा। मान्यता है प्रदोष का व्रत रखने एवं इस दिन शिव परिवार की पूजा करने से संतान-सुख का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
Pradosh Time : गुरु प्रदोष व्रत की पूजा संध्या के दौरान की जाती है। प्रदोष का व्रत भोलेनाथ को समर्पित है। मान्यता है प्रदोष का व्रत रखने एवं इस दिन शिव परिवार की पूजा करने से संतान-सुख का आशीर्वाद प्राप्त होता है और संतान प्राप्ति की इच्छा पूर्ण होती है। पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह का पहला प्रदोष व्रत 28 नवंबर को किया जाएगा। इस दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त शाम को 05 बजकर 24 मिनट से लेकर 08 बजकर 06 मिनट तक है। पूजा की कुल अवधि 02 घण्टे 42 मिनट्स रहेगी। आइए जानते हैं गुरु प्रदोष व्रत के दिन पूजा के सभी शुभ मुहूर्त, विधि व उपाय-
प्रदोष की शाम व सुबह को इस मुहूर्त में करें शिव पूजा
शुभ - उत्तम 06:30 ए एम से 07:50 ए एम
चर - सामान्य 10:30 ए एम से 11:50 ए एम
लाभ - उन्नति 11:50 ए एम से 01:10 पी एम
अमृत - सर्वोत्तम 01:10 पी एम से 02:30 पी एम
शुभ - उत्तम 03:50 पी एम से 05:10 पी एम वार वेला
अमृत - सर्वोत्तम 05:10 पी एम से 06:50 पी एम
चर - सामान्य 06:50 पी एम से 08:30 पी एम
लाभ - उन्नति 11:50 पी एम से 01:30 ए एम, नवम्बर 29
शुभ - उत्तम 03:10 ए एम से 04:51 ए एम, नवम्बर 29
अमृत - सर्वोत्तम 04:51 ए एम से 06:31 ए एम, नवम्बर 29
गुरु प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त:
ब्रह्म मुहूर्त- 04:43 ए एम से 05:37 ए एम
प्रातः सन्ध्या- 05:10 ए एम से 06:30 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 11:29 ए एम से 12:11 पी एम
विजय मुहूर्त- 01:37 पी एम से 02:19 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 05:08 पी एम से 05:35 पी एम
सायाह्न सन्ध्या- 05:10 पी एम से 06:30 पी एम
अमृत काल- 12:30 ए एम, नवम्बर 29 से 02:17 ए एम, नवम्बर 29
निशिता मुहूर्त- 11:24 पी एम से 12:17 ए एम, नवम्बर 29
गुरु प्रदोष व्रत पूजा-विधि
स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण कर लें। शिव परिवार सहित सभी देवी-देवताओं की विधिवत पूजा करें। अगर व्रत रखना है तो हाथ में पवित्र जल, फूल और अक्षत लेकर व्रत रखने का संकल्प लें। फिर संध्या के समय घर के मंदिर में गोधूलि बेला में दीपक जलाएं। फिर शिव मंदिर में भगवान शिव का अभिषेक करें और शिव परिवार की विधिवत पूजा-अर्चना करें। अब गुरु प्रदोष व्रत की कथा सुनें। फिर घी के दीपक से पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव की आरती करें। अंत में ओम नमः शिवाय का मंत्र-जाप करें। अंत में क्षमा प्रार्थना भी करें।
उपाय- गुरु प्रदोष व्रत पर शिवलिंग पर चढ़ाएं ये चीजें
- घी
- दही
- फूल
- फल
- अक्षत
- बेलपत्र
- धतूरा
- भांग
- शहद
- गंगाजल
- सफेद चंदन
- काला तिल
- कच्चा दूध
- हरी मूंग दाल
- शमी का पत्ता
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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