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Palmistry: हथेली पर पर्वतों का उभार क्या दर्शाता है? जानिए

  • Palmistry:हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार,हथेली पर मौजूद रेखा और चिन्हों के अलावा हथेली के पर्वतों जैसे बुध, गुरु और शुक्र के उभरे या दबे हुए होने पर भी व्यक्ति के जीवन से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातों के बारे में पता लगाया जा सकता है।

Arti Tripathi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 29 Dec 2024 07:04 PM
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Palmistry: हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, हथेली पर मौजूद रेखाएं और चिन्ह जीवन से जुड़ी कई महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में अनुमान लगाने में मदद करते हैं। हथेली पर मंगल, बुध, गुरु,सूर्य, बुध, शुक्र और शनि पर्वत भी मौजूद होते हैं। मान्यता है कि हथेली पर इन पर्वतों का उभरा हुआ होना या दबा हुआ होना भी कई विशेष संकेत देता है। हथेली पर इन पर्वतों को देखकर व्यक्ति के जीवन से जुड़े संघर्षों और सफलताओं का अनुमान लगाया जा सकता है। आइए जानते हैं हथेली पर मौजूद विभिन्न पर्वतों पर उभार या दबाव क्या दर्शाते हैं?

बुध पर्वत : हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, कनिष्ठा उंगली के नीचे उभरे भाग को बुध पर्वत कहा जाता है। मान्यता है कि बुध पर्वत के उभरे हुए होने पर व्यक्ति के जीवन में यात्रा के कई योग बनते हैं। वहीं, बुध पर्वत का दबा हुआ होना विवेकहीनता को इंगित करता है।

गुरु पर्वत : हस्तरेखा ज्योतिष के मुताबिक, तर्जनी उंगली के नीचे वाले हिस्से को गुरु पर्वत कहा जाता है। यदि व्यक्ति की हथेली पर गुरु पर्वत उभरा हुआ हो, तो ऐसे व्यक्ति आदर्शवादी, विचारवान और व्यावहारिक होते हैं। कहा जाता है कि यदि गुरु पर्वत अधिक उभरा हुआ हो,तो इस तरह के व्यक्ति बहुत घमंडी भी होते हैं।

शुक्र पर्वत : हाथों के अंगूठे के नीचे के हिस्से को शुक्र पर्वत कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि हथेली के शुक्र पर्वत पर उभार होने पर व्यक्ति को अच्छे स्वास्थ्य, सौंदर्य और प्रेम-संतान का सुख मिलने में मदद मिलती है। ऐसे व्यक्ति कला के प्रेमी होते हैं। आध्यात्मिक कार्यों में दिलचस्पी रखते हैं।

शनि पर्वत : मध्यमा उंगली के नीचे वाले हिस्से को शनि पर्वत कहते हैं। हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, जिन लोगों की हथेली पर शनि पर्वत उभरा हुआ होते है, ऐसे लोग आध्यात्मिक, मेहनती, दूरदर्शी, गंभीर और एकांत में रहना पसंद करते हैं। मान्यता है कि शनि पर्वत के अधिक उभरे हुए होने पर व्यक्ति उदासीन, आध्यात्मिक और दार्शनिक बनता है।

सूर्य पर्वत : अनामिका उंगली के नीचले हिस्से को सूर्य पर्वत कहा जाता है। मान्यता है कि सूर्य पर्वत पर उभार होने से व्यक्ति बुद्धिमान, विद्वान, लेखक, धर्मगुरु, अच्छा वक्ता और दार्शनिक होता है। वहीं, सूर्य पर्वत दबा हुआ, तो यह मंदबुद्धि को व्यक्त करता है।

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डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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