Narak Chaturdashi Upay : नरक चतुर्दशी के दिन करें ये उपाय
- दिवाली के पांच दिवसीय पर्व का आज दूसरा दिन है। आज छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी है। इसे नरक चौदस या रूप चौदस के नाम से जानते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को नरक चतुर्दशी मनाई जाती है।
दिवाली के पांच दिवसीय पर्व का आज दूसरा दिन है। आज छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी है। इसे नरक चौदस या रूप चौदस के नाम से जानते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को नरक चतुर्दशी मनाई जाती है। इस साल यह त्योहार 30 अक्टूबर 2024, बुधवार को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनसार, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर नाम के असुर का वध किया था। वहीं एक अन्य मान्यता के अनुसार, नरक चतुर्दशी के दिन सुबह स्नान करके यमराज की पूजा और शाम को दीपदान करने से नर्क की यातनाओं से मुक्ति मिलती है और अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है।
पूजा-विधि : इस दिन यम की पूजा की जाए तो अकाल मृत्युके भय से मुक्ति मिल जाती है, इसीलिए इस दिन घर के मुख्य द्वार के बांई ओर अनाज की ढेरी रखें। इस पर सरसों के तेल का एक मुखी दीपक जलाना चाहिए लेकिन दीपक की लौ दक्षिण दिशा की ओर कर दें।
नरक चतुर्दशी का खास उपाय-
नरक चतुर्दशी के दिन दीपदान जरूर करें।
नरक चतुर्दशी के दिन घर के सबसे बड़े सदस्य को यम के नाम का एक बड़ा दीया जलाना चाहिए।
इस दीये को पूरे घर में घुमाएं।
अब घर से बाहर जाकर दूर इस दीये को रख आएं।
घर के दूसरे सदस्य घर के अंदर ही रहें और उन्हें यह दीपक नहीं देखना चाहिए।
नरक चतुर्दशी पर न करें ये काम-
नरक चतुर्दशी के दिन दक्षिण दिशा को गंदा नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से पितर नाराज होते हैं।
नरक चतुर्दशी के दिन तिल के तेल का दान नहीं करना चाहिए। मान्यता है ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं।
नरक चतुर्दशी के दिन झाड़ू को भूलकर भी पैर नहीं मारना चाहिए और न ही इसे सीधा खड़ा करना चाहिए। मान्यता है ऐसा करने से मां लक्ष्मी का घर में वास नहीं होता
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