Mantra Jaap :रुद्राक्ष से लेकर तुलसी तक...जानें किस माला से किन देवी-देवताओं के मंत्रों का जाप करें?
- Mantra Chanting : हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की कृपा पाने के लिए पूजा के साथ उनके विशेष मंत्रों का माला से जाप करना शुभ माना गया है, लेकिन देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए अलग-अलग माला से जाप किया जाता है।
Mantra Jaap : हिंदू धर्म में देवी और देवताओं को प्रसन्न करने के लिए अलग-अलग मंत्र हैं। मान्यता है कि सही तरीके से मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति के सभी काम सिद्ध होते हैं, लेकिन मंत्रों को एक निश्चित संख्या में जाप किया जाता है। इसलिए मंत्रों को गिनती करने के लिए माला का इस्तेमाल किया जाता है। बड़ी माला में 108 मनके होते हैं, वहीं, छोटी माला में 54 मनके होते हैं। मंत्रों के जाप के लिए रुद्राक्ष, तुलसी, चंदन समेत कई चीजों से माला बनाए जाते हैं। आइए जानते हैं मंत्रों का शुभ परिणाम पाने के लिए किस माला से किन देवी-देवताओं के मंत्रों का जाप करना चाहिए?
रुद्राक्ष की माला : भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए रुद्राक्ष की माला से शिव मंत्रों का जाप करना लाभकारी माना गया है। रुद्राक्ष की माला में पूरे 108 मनके या दाने होते हैं। 108 मनकों का बड़ा महत्व है। शास्त्रों के अनुसार, 27 नक्षत्र होते हैं और हर नक्षत्र के 4 चरण होते हैं। माला का एक-एक दाना नक्षत्र के प्रत्येक चरण का प्रतिनिधित्व करता है। इस माला से गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र, देवी दुर्गा मंत्र,गणेशजी के नामों और मंत्रों का जाप किया जा सकता है।
हल्दी की माला : हिंदू धर्म में धार्मिक कार्यों में हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा गणेशजी के मंत्रों का जाप करने के लिए हल्दी की माला का इस्तेमाल कर सकते हैं। हल्दी की माला में भी 108 मनके होते हैं। हल्दी की माला से विष्णुजी और बृहस्पति मंत्रों का जाप किया जा सकता है।
तुलसी की माला : भगवान विष्णु को तुलसी की माला बेहद प्रिय है। विष्णुजी के अवतार प्रभु श्रीराम की पूजा-आराधना के लिए भी तुलसी की माला का इस्तेमाल किया जा सकता है। तुलसी की माला में 108 मनके होते हैं।
चंदन की माला : चंदन की माला दो प्रकार की होती है। सफेद चंदन और लाल चंदन। मान्यता है कि प्रभु श्रीकृष्ण के मंत्रों के जाप के लिए लाल चंदन की माला का इस्तेमाल किया जाता है। इस माला में भी 108 मनके होते हैं।
स्फटिक की माला : स्फटिक की माला स्फटिक क्रिस्टल से बनी होती है। इस माला में भी 108 दाने होते हैं। ज्योतिष में गणेशजी और माता सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए स्फटिक की माला से जाप करना लाभकारी माना गया है। देवी लक्ष्मी के मंत्रों का जाप भी इस माला से कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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