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Makar Sankranti: मकर संक्रांति पर अमृत काल में करें स्नान-दान, इस 1 काम को करने से प्रसन्न होंगे सूर्यदेव

  • Makar Sankranti 2025 Upay: मकर संक्रांति पर स्नान-दान का विशेष महत्व है लेकिन शुभ मुहूर्त में किए गया स्नान व दान अत्यंत शुभ फलदायी माना गया है। जानें मकर संक्रांति पर स्नान-दान का समय व सूर्यदेव को प्रसन्न करने का उपाय-

Saumya Tiwari लाइव हिन्दुस्तानMon, 13 Jan 2025 07:35 PM
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Makar sankranti 2025 Upay: हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में मकर संक्रांति का पर्व भी शामिल है। मकर संक्रांति 14 जनवरी 2025, मंगलवार को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान सू्र्य की उपासना की जाती है। मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान व दान-पुण्य करने व भगवान सूर्य को अर्घ्य देने से जीवन में शुभता का आगमन होता है। पौष पूर्णिमा 13 जनवरी 2025 से महाकुंभ प्रारंभ हो चुका है। मकर संक्रांति के दिन महाकुंभ में अमृत स्नान किया जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य के 108 नामों का जाप करने से उनके प्रसन्न होने की मान्यता है। जानें मकर संक्रांति के दिन स्नान-दान का अमृत काल मुहूर्त व भगवान सूर्य के 108 नाम:

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मकर संक्रांति स्नान-दान मुहूर्त 2025: मकर संक्रांति पर अमृत काल सुबह 07 बजकर 55 मिनट से सुबह 09 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। ब्रह्म मुहूर्त सुबह 05:27 बजे से सुबह 06:21 बजे तक रहेगा। अभिजित मुहूर्त दोपहर 12:09 से दोपहर 12:51 बजे तक रहेगा। इसके बाद विजय मुहूर्त दोपह 02:15 बजे से दोपहर 02:57 बजे तक रहेगा।

भगवान सूर्य के 108 नाम-

ॐ भानवे नमः

ॐ असमानबलाय नमः

ॐ अखिलागमवेदिने नमः

ॐ अच्युताय नमः

ॐ अखिलज्ञाय नमः

ॐ अनन्ताय नमः

ॐ इनाय नमः

ॐ अरुणाय नमः

ॐ शरण्याय नमः

ॐ करुणारससिन्धवे नमः

ॐ विश्वरूपाय नमः

ॐ इज्याय नमः

ॐ आर्तरक्षकाय नमः

ॐ आदित्याय नमः

ॐ आदिभूताय नमः

ॐ इन्द्राय नमः

ॐ सुप्रसन्नाय नमः

ॐ सुशीलाय नमः

ॐ सुवर्चसे नमः

ॐ वसुप्रदाय नमः

ॐ इन्दिरामन्दिराप्ताय नमः

ॐ वन्दनीयाय नमः

ॐ ईशाय नमः

ॐ वसवे नमः

ॐ वासुदेवाय नमः

ॐ उज्ज्वल नमः

ॐ ऊर्ध्वगाय नमः

ॐ विवस्वते नमः

ॐ उद्यत्किरणजालाय नमः

ॐ हृषीकेशाय नमः

ॐ ऊर्जस्वलाय नमः

ॐ उग्ररूपाय नमः

ॐ वीराय नमः

ॐ निर्जराय नमः

ॐ ऋक्षचक्रचराय नमः

ॐ ऋजुस्वभावचित्ताय नमः

ॐ नित्यस्तुत्याय नमः

ॐ ऋकारमातृकावर्णरूपाय नमः

ॐ उज्ज्वलतेजसे नमः

ॐ ऋक्षाधिनाथमित्राय नमः

ॐ जयाय नमः

ॐ ऊरुद्वयाभावरूपयुक्तसारथये नमः

ॐ ऋषिवन्द्याय नमः

ॐ रुग्घन्त्रे नमः

ॐ लुप्तदन्ताय नमः

ॐ शान्ताय नमः

ॐ कान्तिदाय नमः

ॐ घनाय नमः

ॐ कनत्कनकभूषाय नमः

ॐ खद्योताय नमः

ॐ पुष्कराक्षाय नमः

ॐ आर्तशरण्याय नमः

ॐ एकाकिने नमः

ॐ भगवते नमः

ॐ सृष्टिस्थित्यन्तकारिणे नमः

ॐ गुणात्मने नमः

ॐ लूनिताखिलदैत्याय नमः

ॐ सत्यानन्दस्वरूपिणे नमः

ॐ अपवर्गप्रदाय नमः

ॐ शौरये नमः

ॐ दशदिक्संप्रकाशाय नमः

ॐ भक्तवश्याय नमः

ॐ ओजस्कराय नमः

ॐ जयिने नमः

ॐ घृणिभृते नमः

ॐ बृहते नमः

ॐ ब्रह्मणे नमः

ॐ ऐश्वर्यदाय नमः

ॐ शर्वाय नमः

ॐ हरिदश्वाय नमः

ॐ जगदानन्दहेतवे नमः

ॐ जन्ममृत्युजराव्याधिवर्जिताय नमः

ॐ उच्चस्थान समारूढरथस्थाय नमः

ॐ असुरारये नमः

ॐ कमनीयकराय नमः

ॐ अब्जवल्लभाय नमः

ॐ अन्तर्बहिः प्रकाशाय नमः

ॐ रवये नमः

ॐ हरये नमः

ॐ परमात्मने नमः

ॐ तरुणाय नमः

ॐ अचिन्त्याय नमः

ॐ आत्मरूपिणे नमः

ॐ अच्युताय नमः

ॐ अमरेशाय नमः

ॐ परस्मै ज्योतिषे नमः

ॐ अहस्कराय नमः

ॐ वरेण्याय नमः

ॐ ग्रहाणांपतये नमः

ॐ भास्कराय नमः

ॐ नारायणाय नमः

ॐ परेशाय नमः

ॐ श्रेयसे नमः

ॐ सौख्यदायिने नमः

ॐ दीप्तमूर्तये नमः

ॐ निखिलागमवेद्याय नमः

ॐ नित्यानन्दाय नमः

ॐ तेजोरूपाय नमः

ॐ हिरण्यगर्भाय नमः

ॐ आदिमध्यान्तरहिताय नमः

ॐ सौख्यप्रदाय नमः

ॐ सकलजगतांपतये नमः

ॐ सूर्याय नमः

ॐ कवये नमः

ॐ सम्पत्कराय नमः

ॐ ऐं इष्टार्थदाय नमः

ॐ अं सुप्रसन्नाय नमः

ॐ श्रीमते नमः

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इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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