Mahashivratri Vrat : महाशिवरात्रि व्रत करने से मिलते हैं कई शुभ फल, शिवलोक की होती है प्राप्ति
- फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि को आयोजित होने वाला महाशिवरात्रि कोई साधारण मूहूर्त नहीं है। बल्कि यह माता पार्वती व भगवान शिव के मिलन यानि शुभ विवाह की रात्रि है। इसलिए इसे शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है।

महाशिवरात्रि का पर्व 26 फरवरी को मनाया जाएगा। धर्म शास्त्रों में प्रदोष काल यानि सूर्यास्त होने के बाद और रात्रि होने के मध्य की अवधि, मतलब सूर्यास्त होने के 2 घंटे 24 मिनट की अवधि को प्रदोष काल कहा जाता है। इसी समय भगवान आशुतोष प्रसन्न मुद्रा में नृत्य करते हैं। इसी समय सभी के प्रिय भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। हमारे सनातन धर्म में 12 ज्योतिर्लिंगों का वर्णन है। कहा जाता है कि प्रदोष काल में महाशिवरात्रि तिथि में ही सभी ज्योतिर्लिंग का प्रादुर्भाव हुआ था। इस दिन व्रत रखने से साधक के सभी दुखों, पीड़ाओं का अंत होता है। साथ ही, मनोकामनाएं भी पूर्ण होती है। इस दिन भक्त चारों प्रहर में महादेव का षोडशोपचार पूजन, अभिषेक, भजन, संकीर्तन, जला हार, निराहार और फलाहार पर रहकर महादेव की आराधना अपने समस्त अभीष्ट प्राप्ति के लिए करते हैं।
बेहद ही शुभ है महाशिवरात्रि
फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि को आयोजित होने वाला महाशिवरात्रि कोई साधारण मूहूर्त नहीं है। बल्कि यह माता पार्वती व भगवान शिव के मिलन यानि शुभ विवाह की रात्रि है। इसलिए इसे शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। इसी दिन जगत का कल्याण करने के लिए और पापियों के संहार के लिए शिव और शक्ति का मिलन हुआ था। शिवरात्रि सनातन धर्मियों के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण माना गया है। शिवरात्रि पर शिवानूरागी शिव भक्त पूरे श्रद्धा विश्वास से शिवालयों में जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक के साथ साथ कई अन्य वस्तुओं से रुद्राभिषेक करते हैं। कई जगहों पर भगवान शिव की बारात निकाली जाती है। पूरे दिन शिव भक्त उपवास रखकर रात्रि जागरण कर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा आराधना करते हैं। शास्त्रीय मान्यता के अनुसार शिवरात्रि को ही माता पार्वती एवं भगवान शिव का पाणिग्रहण संस्कार हुआ था। इसलिए यह महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। शिवरात्रि का व्रत पूजन करने वाले सभी भक्तों को शिवलोक की प्राप्ति होती है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।