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Mahalaxmi Vrat 2024 : महालक्ष्मी व्रत में इस सरल विधि से करें पूजा,नोट कर लें पूजा सामग्री की लिस्ट और नियम

  • Mahalaxmi Vrat 2024 : द्रिक पंचांग के अनुसार, आज 11 सितंबर से महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत हो रही है। जिसका समापन 24 सितंबर को होगा। इस दौरान धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा-आराधना का बड़ा महत्व है।

Arti Tripathi लाइव हिन्दुस्तानTue, 10 Sep 2024 07:48 PM
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Mahalaxmi Vrat 2024 : ज्योतिष में मां लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है। मान्यता है कि मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना से जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है और व्यक्ति को आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है। हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत होती है और अश्विन माह की अष्टमी तिथि तक कुल 16 दिनों तक महालक्ष्मी व्रत रखा जाता है। इस दौरान मां लक्ष्मी की पूजा-उपासना का विशेष महत्व है। द्रिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष 11 सितंबर से महालक्ष्मी व्रत शुरू होगा और 24 सितंबर को यह व्रत पूर्ण होगा। इस दौरान माता लक्ष्मी की पूजा करने के साथ कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं मां लक्ष्मी की पूजन विधि,पूजा सामग्री और व्रत नियम...

मां लक्ष्मी पूजन की सामग्री : महालक्ष्मी व्रत के दौरान पूजा के लिए कलश, घी, दीपक, फल-फूल,सुपारी, हल्दी की गांठ,रोली,कुमकुम,कपूर, पंचामृत, पान,लाल कपड़ा, 16 श्रृंगार की सामग्री, धूपबत्ती,नारियल,खीर, समेत पूजा की सभी सामग्री एकत्रित कर लें।

महालक्ष्मी व्रत : पूजा-विधि

महालक्ष्मी व्रत के पहले दिन सुबह जल्दी उठें।

स्नानदि के बाद स्वच्छ कपड़े धारण करें।

मंदिर साफ करने से बाद पूजा-स्थल पर एक छोटी चौकी रखें।

इस चौकी पर एक लाल कपड़ा बिछाएं।

अभ ऊपर मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें।

मां लक्ष्मी को लाल चुनरी और वस्त्र अर्पित करें।

इसके बाद उन्हें 16 श्रृंगार की सामग्री चढ़ाएं।

माता के समक्ष दीपक प्रज्ज्वलित करें।

मां लक्ष्मी को फल,फूल,धूप-दीप और नैवेद्य अर्पित करें।

कलश में जल भरकर ऊपर नारियल रखें और कलश स्थापित करें।

इसके बाद मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करें। मंत्रों का जाप करें।

मां लक्ष्मी की आरती उतारें और अंत में सभी देवी-देवताओं की आरती करें।

महालक्ष्मी व्रत के नियम :

महालक्ष्मी का व्रत 16 दिनों के लिए किया जाता है। इस दौरान खट्टी और नमक वाली चीजों के सेवन की मनाही होती है।

16 दिनों तक सुबह-शाम मां लक्ष्मी की पूजा-आराधना करें।

महालक्ष्मी व्रत में व्रती के साथ परिवार के सदस्यों को भी तामसिक भोजन का सेवन न करें। केवल सात्विक भोजन करें।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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