Hindi Newsधर्म न्यूज़mahabharat story why duryodhana-repeatedly-showing his three fingers to krishna ji

दुर्योधन ने मरते समय भगवान श्री कृष्ण को क्यों दिखाई अपनी 3 उंगलियां? जानें इसके पीछे की वजह

  • महाभारत की कहानियां हम बचपन से सुनते आ रहे हैं। दुर्योधन अंहकारी और अंधर्मी था। सबसे बड़े महाभारत युद्ध का कारण ही दुर्योधन का अहं और अधर्मी स्वभाव था। महाभारत युद्ध की वजह से ही कौरव वंश का विनाश हो गया था।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तानSun, 11 Aug 2024 03:21 PM
share Share

 

महाभारत की कहानियां हम बचपन से सुनते आ रहे हैं। दुर्योधन अंहकारी और अंधर्मी था। सबसे बड़े महाभारत युद्ध का कारण ही दुर्योधन का अहं और अधर्मी स्वभाव था। महाभारत युद्ध की वजह से ही कौरव वंश का विनाश हो गया था। इस युद्ध में भाई-भाई के खिलाफ हो गए थे। इस युद्ध में दुर्योधन की मृत्यु सबसे अंत में हुई। दुर्योधन को भीम ने मारा था। भीम ने दुर्योधन की जांघ पर प्रहार कर उसे मारा था। महाभारत युद्ध में भगवान श्री कृष्ण की भूमिका अहम रही। दुर्योधन ने मरते समय भगवान श्री कृष्ण को अपनी 3 उंगलिया बार-बार दिखाई। आइए जानते हैं, दुर्योधन ने मरते समय भगवान श्री कृष्ण को अपनी 3 उंगलियां क्यों दिखाई थी....

जब श्री कृष्ण दुर्योधन के पास गए तो उन्होंने कहा कि मैंने 3 गलतियां कि जिस वजह से मैं ये युद्ध हार गया। आइए जानते हैं दुर्योधन की वो 3 गलतियां कौनसी थी-

पहली गलती-

दुर्योधन की पहली गलती ये थी कि उन्होंने भगवान श्री कृष्ण को अपने साथ युद्ध में नहीं लिया। उन्होंने भगवान श्री कृष्म को छोड़कर उनकी नारायणी सेना को मांगा था। दुर्योधन ने मरते समय श्री कृष्ण को बोला अगर मैंने नारायणी सेना की जगह आपको चुना होता तो आज मैं इस अवस्था में नहीं होता। युद्ध जीत गया होता।

दूसरी गलती- माता गांधारी के पति यानी दुर्योधन के पिता धृतराष्ट्र नेत्रहीन थे और माता गांधारी ने इसी वजह से अपने आंखों में भी पट्टी बांध ली थी और नेत्रहीन के भांति जीवन जीती थी। भीम से युद्ध से पहले दुर्योधन की माता गांधारी ने उन्हें अपने पास निर्वस्त्र बुलाया। जब दुर्योधन निर्वस्त्र होकर माता के पास जाने लगे तो श्री कृष्ण ने उन्हें रोक लिया और कहा कि माता के पास इस उम्र में निर्वस्त्र होकर जाना ठीक नहीं है। तो श्री कृष्ण पत्तों से बनी लंगोट पहनकर माता के पास गए। जैसे ही वो माता के पास गए तो गांधारी ने अपने आंखों की पट्टी खोल दी। आंखों से निकले तेज से दुर्योधन का शरीर वज्र के समान हो गया। सिर्फ वो स्थान जहां पत्ते तो वो पहले की भांति ही रहा। उसी स्थान पर भीम ने गधा मारकर दुर्योधन का वध किया था। दुर्योधन ने श्री कृष्ण से कहा अगर में निर्वस्त्र होकर चला जाता तो मुझे कोई नहीं मारा पाता।

तीसरी गलती- दुर्योधन ने श्री कृष्ण को अपनी तीसरी गलती ये बताई कि वो युद्ध में सबसे अंत में आया लड़ने। अगर वो प्रारंभ से युद्ध लड़ रहा होता तो स्थित कुछ और होती।

ये सब बातें सुनकर श्री कृष्ण ने बताई दुर्योधन को उसकी वास्तविक गलती-

भगवान श्री कृष्ण ने कहा कि ये 3 गलतियां तुम्हारे हार का कारण नहीं है। तुम्हारा अधर्म का साथ देना और अहंकारी होना इस युद्ध की हार का कारण है।

अगला लेखऐप पर पढ़ें