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Maha Kumbh 2025: महाकुंभ मेला कब और कहां लगेगा? जानें कुंभ व महाकुंभ में क्या अंतर है

  • Maha kumbh mela 2025 shahi snan dates: हिंदू धर्म में कुंभ मेला का विशेष महत्व है। जानें साल 2025 में कुंभ मेला कब से प्रारंभ होगा और कहां किसका आयोजन किया जाएगा और शाही स्नान की तिथियां-

Saumya Tiwari लाइव हिन्दुस्तानMon, 18 Nov 2024 03:04 PM
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Maha Kumbh Mela 2025 Dates: हिंदू धर्म का कुंभ मेला एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु एक साथ एकत्रित होते हैं और नदी में स्नान करते हैं। 12 साल बाद महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है। कुंभ मेला भारत की चार पवित्र नदियों और चार तीर्थ स्थानों पर ही आयोजित किया जाता है। महाकुंभ का आयोजन सिर्फ प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक व उज्जैन में होता है। प्रयागराज में संगम (गंगा, जमुना और सरस्वती का संगम), हरिद्वार में गंगा नदी, नासिक में गोदावरी और उज्जैन में शिप्रा नदी पर कुंभ मेले का आयोजन होता है। जानें महाकुंभ कब से और कहां शुरू होगा और कुंभ व महाकुंभ में अंतर-

महाकुंभ 2025 कहां है?

महाकुंभ मेला 2025 प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित किया जाएगा। महाकुंभ मेले का आरंभ पौष पूर्णिमा के दिन से होगा और समापन महाशिवरात्रि पर होगा। पूरे 12 वर्षों के बाद प्रयागराज में महाकुंभ मेले का आयोजन हो रहा है। इसके पहले 2013 में प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन किया गया था।

महाकुंभ 2025 शाही स्नान की तिथियां-

13 जनवरी 2025- प्रथम शाही स्नान पौष पूर्णिमा के अवसर होगा।

14 जनवरी 2025- मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर शाही स्नान होगा।

29 जनवरी 2025- मौनी अमावस्या पर शाही स्नान किया जाएगा।

3 फरवरी 2025- बसंत पंचमी पर शाही स्नान होगा।

12 फरवरी 2025- माघ पूर्णिमा के शुभ अवसर पर शाही स्नान होगा।

26 फरवरी 2025- महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर शाही स्नान किया जाएगा।

कुंभ और महाकुंभ में क्या अंतर होता है-

कुंभ मेला का तीन साल में एक बार गोदावरी, शिप्रा, गंगा और संगम पर आयोजन किया जाता है। अर्ध कुंभ मेला छह वर्ष में एक हार हरिद्वार और संगम पर आयोजित किया जाता है। पूर्ण कुंभ मेला बारह वर्षों में एक बार आयोजित किया जाता है। महाकुंभ मेला 144 वर्षों में एक बार (12 पूर्ण कुंभ के पूरा होने पर) आयोजित किया जाता है। यह प्रयागराज में केवल संगम घाट पर ही आयोजित किया जाता है।

कुंभ का महत्व- माना जाता है कि कुंभ मेला उन चार धार्मिक स्थानों पर लगता है जहां ब्रह्मांडीय महासागर (क्षीर सागर) के मंथन के दौरान अमृत की कुछ बूंदें गिरी थीं। कुंभ मेले में भाग लेने वाले भक्त पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और ईश्वर का आशीर्वाद लेते हैं।

इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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