रात 12:01-12:45 पीएम के बीच लड्डू गोपाल को करवाएं पंचामृत स्नान,कृष्ण जन्माष्टमी पर दूर होंगे सभी कष्ट
- Janmashtami 2024 : कृष्ण जन्माष्टमी के पावन मौके पर निशिता मुहूर्त में भगवान कृष्ण का पंचामृत से स्नान करवाना और कान्हा की विधिविधान से पूजा-आराधना करना बेहद शुभ माना गया है। मान्यता है कि इससे बाल गोपाल प्रसन्न होते हैं।
Janmashtami 2024 : जनमाष्टमी का दिन कृष्ण भक्तों के लिए बेहद खास दिन होता है। इस दिन अधर्म का विनाश और धर्म की स्थापना के लिए विष्णु भगवान के आठवें अवतार के रूप में भगवान कृष्ण का मथुरा में जन्म हुआ था। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह कृष्ण पक्ष के अष्टमी तिथि के दिन मध्य रात्रि में रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इसलिए निशिता मुहूर्त में भगवान श्रीकृ्ष्ण के बाल रूप लड्डू गोपाल की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है और इस शुभ मौके पर बाल गोपाल का पंचामृत से स्नान भी कराया जाता है। इस दिन बाल गोपाल को पंचामृत से स्नान कराने का विशेष रिवाज है। आइए जानते हैं जन्माष्टमी पर निशिता काल पूजा का मुहूर्त और पंचामृत स्नान की विधि...
कृष्ण जन्माष्टमी पर निशिता काल पूजा मुहूर्त : जन्माष्टमी के दिन निशिता काल में कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाता है और उनके बाल स्वरूप की पूजा की जाती है। 26 अगस्त की मध्यरात्रि 12:01 पीएम से लेकर 12:45 पीएम तक निशिता काल पूजा का शुभ मुहूर्त बन रहा है। कृष्ण भक्त 45 मिनट के इस उत्तम मुहूर्त में कान्हा का जन्मोत्सव मना सकते हैं।
लड्डू गोपाल को पंचामृत स्नान कैसे करवाएं?
जन्माष्टमी के दिन निशिता काल में ईशान कोण में एक छोटी चौकी स्थापित करें।
अब चौकी पर लाल या पीला वस्त्र बिछाएं और चौकी पर एक साफ थाली रकें।
अब थाली के मध्य में लड्डू गोपाल को स्थापित करें।
पंचामृत स्नान के लिए बाल गोपाल को सबसे पहले दही से स्नान करवाएं।
इसके बाद कान्हा को धीरे-धीरे गाय के दूध से स्नान करवाएं।
अब बाल गोपाल को गाय के घी से स्नान करवाएँ।
फिर लड्डू गोपाल पर शहद अर्पित करें।
अंत में कान्हा को गंगाजल से स्नान करवाएं।
इसके बाद एक साफ कपड़े से बाल गोपाल को पोंछ दें।
उन्हें वस्त्र पहनाएं और उनका भव्य शृंगार करें।
धार्मिक मान्यता है ऐसा करने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।
पंचामृत स्नान का महत्व : ज्योतिष में दही को स्थिरता और संयम का प्रतीक माना गया है। वहीं दूध शुद्धता का प्रतीक होता है। घी को ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक माना जाता है। शहद जीवन में मिठास लाता है। जल जीवन और पवित्रता का प्रतीक माना गया है।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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