घर-घर जन्मेंगे कृष्ण कन्हाई और गूंजेंगी बधाई, मथुरा में 12 बजे होगा पंचामृत अभिषेक, इस्कॉन में 11 बजे लगेगा 56 भोग
- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व देशभर में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। कृष्ण जन्मोत्सव को लेकर घरों और मंदिरों तैयारियों के साथ मेवा-मिष्ठान और कई प्रकार के स्वादिष्ट पकवान बनाकर तैयार किए गए हैं।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व देशभर में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। कृष्ण जन्मोत्सव को लेकर घरों और मंदिरों तैयारियों के साथ मेवा-मिष्ठान और कई प्रकार के स्वादिष्ट पकवान बनाकर तैयार किए गए हैं। सभी प्रमुख मंदिरों को सजाकर तैयार करने के साथ भगवान की मनोहारी नटखट लीलाओं की झांकियां सजाई जा चुकी हैं। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का सालभर से इंतजार कर रहे थे। आज वो घड़ी आ गई है। इसे लेकर श्रद्धालुओं में बेहद उमंग और उत्साह का माहौल बना हुआ है। जन्माष्टमी पर व्रत उपवास करने के साथ नंदलाला का जन्मोत्सव मनाने के लिए कई लोगों ने घरों पर मावा, मेवा, मिश्री से भरपूर केक बनाकर तैयार किए हैं। इसे लल्ला का जन्म होते ही काटेंगे और उसका भोग लगाकर आपस में बांटकर खुखियां मनाएंगे।
जन्माष्टमी से एक दिन पहले रविवार को शहर के सभी प्रमुख मंदिरों पर श्रीकृष्ण जन्मोत्सव संबंधी तैयारियां पूरी कर ली गईं। मंदिरों को रंग-बिरंगे फूलों के अलावा आकर्षक इलेक्ट्रॉनिक झालरों से सजाकर तैयार कर लिया गया। मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण की बाल एवं युवा अव्यवस्थाओं की लीलाओं की मनोहारी झांकियां सजाकर तैयार कर ली गई हैं। वहीं शहर के विभिन्न स्थानों पर जन्माष्टमी एवं बाबा बर्फानी की गुफाओं की झांकियां सजाने की तैयारियां भी चलती रहीं।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर झांकियां सजाने के लिए युवा और बच्चों में बेहद उमंग और उत्सुक का माहौल बना रहा। बच्चों ने घरों पर रंग-बिरंगी लाइटें लगाकर राधा-कृष्ण, कंस वध, कंस कारागार, बर्फ एवं रुई से कैलाश पर्वत आदि जैसी मनोहारी झांकियां सजाई। युवाओं और बच्चों ने सजावटी समान पर पॉकेट मनी खर्च की।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर ज्यादातर श्रद्धालु दिनभर उपवास कर रात 12 बजे नंदलाला का माखन, मेवा, मिसरी से भोग लगाकर जन्मोत्सव मनाएंगे। मंदिरों एवं घरों मे भगवान कृष्ण की विधानपूर्वक पूजा करने के साथ आरती करेंगे। मंदिरों में पहुंचकर भगवान की विशेष स्तुति करेंगे। इससे पहले दिनभर घरों एवं मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन होगा। वही श्रद्धालु दिनभर कान्हा जन्मोत्सव की खुशियां मनाएंगे।
मथुरा में रात 12 बजे जन्मभूमि भगवान का पंचामृत से अभिषेक होगा। वहीं, गुजरात के द्वारकाधीश मंदिर के पट आज रात 2.30 बजे तक खुले रहेंगे। जयपुर के गोपीनाथ मंदिर में भगवान को 2.50 लाख की घड़ी पहनाई जाएगी। द्वारिकाधीश मंदिर कांकरोली में भगवान सोने-चांदी के खिलौनों से खेलेंगे। राजसमंद के नाथद्वारा में श्रीनाथजी मंदिर में 21 तोपों की सलामी दी जाएगी। राजस्थान में सांवलिया सेठ मंदिर में पंजीरी का भोग लगाया जाता है। सोमवार को 900 किलो पंजीरी का प्रसाद बनाया जाएगा। भगवान को रात 12 बजे माखन-मिश्री एवं सूखे मेवे से बने केक का भी भोग लगाया जाएगा।
इस्कॉन टाइमिंग टुडे
26 अगस्त की रात 12 बजे सभी इस्कॉन मंदिरों में महाआरती होगी। रात 9.30 बजे से 'महा-अभिषेक' शुरू होगा। रात 11 बजे भगवान कृष्ण को 'छप्पन भोग' लगाया जाएगा।
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