Karwa Chauth Bhadra: आज करवा चौथ पर भद्रा का साया नहीं, पंडित जी से जानें ग्रहों का विशेष संयोग, चंद्रोदय व शुभ मुहूर्त
- Karwa Chauth Vrat Katha Muhurat: करवा चौथ का व्रत सुहागिनों के लिए बहुत खास होता है। मान्यता है कि करवा चौथ का व्रत बिना कथा के संपूर्ण नहीं माना जाता है। जानें इस साल करवा चौथ पर व्रत कथा पढ़ने व पूजन का शुभ मुहूर्त क्या है व किस मंत्र को बोलकर लिया जाता है संकल्प-
Karwa Chauth Vrat Pujan and Katha Timing : हिंदू धर्म में करवा चौथ का व्रत सुहागिनों के लिए बहुत खास होता है। यह व्रत पति की लंबी आयु व अच्छी सेहत के लिए रखा जाता है। सुखद वैवाहिक जीवन के लिए रखा जाने वाला यह निर्जला व्रत 20 अक्तूबर 2024, रविवार, यानी आज है। रविवार को करवा चौथ का व्रत सुहागिनें 13 घंटे 10 मिनट तक व्रत रखेंगी। इस साल करवा चौथ पर गजकेसरी योग का भी संयोग बन रहा है। करवा चौथ के दिन सुबह के समय भद्रा रहने वाली है, जानें क्या भद्रा का करवा चौथ व्रत पर प्रभाव पड़ेगा।
करवाचौथ पर सुहागिनें रविवार को 13 घंटे 10 मिनट का व्रत रखेंगी। व्रत की अवधि इस बार करीब 13 घंटे दस मिनट रहेगी। इस बार करवाचौथ पर गज केसरी योग पड़ रहा है। इस बार उच्च राशि का चंद्रमा होने से अक्षत सुहाग के शुभ मांगलिक योग का संयोग बन रहा है।
भद्रा का साया नहीं - भद्रा को लेकर कुछ जगहों पर भ्रम की स्थिति बन रही है, पर ज्योतिषविदों के अनुसार इस बार करवा चौथ पर भद्रा का साया नही है। ज्योतिष अन्वेषक अमित गुप्ता के अनुसार करवाचौथ पर भद्रा काल केवल 20 मिनट तक का रहेगा। यह भद्रा काल सुबह 6.48 बजे तक रहेगा। इसका करवाचौथ पर कोई प्रभाव नहीं है।
इस मंत्र को बोलकर व्रत करें आरंभ: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवाचौथ का त्योहार मनाया जाता है। यह व्रत सूर्योदय से पूर्व से चंद्रमा के निकलने तक रखा जाता है। इस दिन सुहागिन स्त्रियां सुबह से ही निर्जला व्रत रखकर संध्या के समय चंद्रमा को अर्घ्य देकर और अपने पति का दर्शन कर जल ग्रहण करके व्रत खोलती हैं। इस दिन स्त्रियां एक साथ करवा चौथ व्रत की कथा का पाठ और श्रवण करती हैं। करवा चौथ व्रत को सुहागिनें 'मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये'मंत्र बोलकर संकल्प ले सकती हैं।
करवा चौथ पर विशेष संयोग- करवा चौथ व्रत पर दिन भर चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में रहेंगे और व्रत के दिन चंद्रमा और गुरु दोनों एक ही राशि (वृषभ) में होने से गज केसरी योग भी बनेगा जो अपने आप में एक बहुत शुभ परिणाम देने वाला योग है। इस बार सूर्य और बुध दोनों ही ग्रह एक ही राशि तुला में रहेंगे। जिसके कारण बुधादित्य योग व समसप्तक योग भी रहेगा।
करवा चौथ के दिन क्यों होते हैं चंद्र दर्शन: चंद्रमा को मन का कारक माना गया है। चंद्रमा आयु, यश और समृद्धि का भी प्रतीक है। ज्योतिषाचार्य विभोर इंदुसुत के अनुसार, इस बार चंद्रमा अपनी उच्च राशि में है। करवा चौथ पर शिव परिवार की पूजा करने का विधान है। लेकिन मुख्य रूप से भगवान श्रीगणेश की पूजा की जाती है। मान्यता है कि गणेश जी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। विघ्नहर्ता गणेश जी को चतुर्थी का अधिपति देव माना गया है।
करवा चौथ के दिन चंद्रोदय और शुभ मुहूर्त: करवा चौथ के दिन चतुर्थी प्रारंभ सुबह 06.46 से (20 अक्तूबर) और चतुर्थी का समापन सुबह 04.17 बजे से (21 अक्तूबर)। करवा चौथ व्रत समय सुबह 06.46 से रात 07.56 मिनट तक रहेगा। व्रत की अवधि 13 घंटे 10 मिनट। करवा चौथ पूजा मुहूर्त शाम 5.50 से 7.05 तक रहेगा। यह मुहूर्त करवा चौथ व्रत कथा पढ़ने या सुनने के लिए भी उत्तम रहेगा।
करवा चौथ का चांद निकलने का समय- 20 अक्तूबर 2024, रविवार को चंद्रोदय रविवार रात 07:56 बजे होगा।
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