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karwa chauth : पहली बार रख रहे हैं करवा चौथ का व्रत तो इन बातों का रखें ध्यान, नोट कर लें सामग्री की पूरी लिस्ट

  • इस साल कुछ महिलाएं इस व्रत को पहली बार कर रही होंगी। करवा चौथ व्रत में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखा जाता है। आइए जानते हैं करवा चौथ व्रत के नियम और सामग्री की पूरी लिस्ट-

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 18 Oct 2024 10:59 AM
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पतियों के दीर्घायु की कामना को लेकर मनाया जाने वाला करवा चौथ पर्व इस साल 20 अक्तूबर को मनाया जाएगा। करवा चौथ पर्व कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इसे सौभाग्यवती (सुहागिन) महिलाएं मनाती हैं। यह व्रत सुबह सूर्योदय से पहले करीब चार बजे भोर से शुरू होकर रात में चंद्रमा दर्शन के बाद पूरा होता है। ऐसी मान्यता है कि पति की दीर्घायु व अखण्ड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए इस दिन भालचन्द्र गणेश जी की अर्चना की जाती है। ऐसा करने से उनके सुहाग पर आने वाली विघ्न व बाधाएं लंबोदर दूर कर देते हैं। इस साल कुछ महिलाएं इस व्रत को पहली बार कर रही होंगी। करवा चौथ व्रत में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखा जाता है। आइए जानते हैं करवा चौथ व्रत के नियम और सामग्री की पूरी लिस्ट-

1. हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य के दौरान काला पहनने की मनाही होती है। यह अशुभता का प्रतीक माना जाता है। कहते हैं कि मंगलसूत्र के काले दाने के अलावा इस दिन किसी काले रंग का प्रयोग न करें।

2. मान्यता है कि सुहागिनों को सफेद वस्त्र धारण नहीं करने चाहिए। सफेद रंग सौम्यता और शांति का प्रतीक माना जाता है। लेकिन सुहाग के लिए रखे जाने वाले करवा चौथ व्रत में सफेद रंग की मनाही होती है।

3. करवा चौथ के दिन सुहागिन स्त्रियों को भूरा रंग पहनने से बचना चाहिए। मान्यता है कि यह रंग राहु और केतु का प्रतिनिधित्व करता है।

इन रंगों के वस्त्र धारण करना माना जाता है शुभ-

करवा चौथ के दिन सुहागिनों को लाल, गुलाबी, पीला, हरा और महरून रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, पहली बार करवा चौथ व्रत रखने वाली स्त्रियों को लाल रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। इतना ही नहीं पहली बार व्रत रखने वाली महिलाएं अगर शादी का जोड़ा पहनती हैं तो, इसे और उत्तम माना जाता है।

निर्जला व्रत रखें

करवा चौथ का व्रत निर्जला रखा जाता है। इस व्रत में चांद के दर्शनों का विशेष महत्व होता है। रात में चांद के दर्शनों के बाद ही व्रत पूरा माना जाता है। रात्रि में चंद्रमा के दिखने पर ही अर्घ्य प्रदान करें। इसके साथ ही, गणेश जी और चतुर्थी माता को भी अर्घ्य देना चाहिए।

सरगी

इस व्रत में सास सूर्योदय से पूर्व अपनी बहू को सरगी के माध्यम से दूध, सेवई आदि खिला देती हैं। फिर शृंगार की वस्तुएं- साड़ी, जेवर आदि करवा चौथ पर देती हैं।

करवा चौथ पूजन सामग्री की लिस्ट-

चंदन, शहद, अगरबत्ती, पुष्प, कच्चा दूध, शक्कर, शुद्ध घी, दही, मिठाई, गंगाजल, अक्षत (चावल), सिंदूर, मेहंदी, महावर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ, मिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कन, दीपक, रुई, कपूर, गेहूं, शक्कर का बूरा, हल्दी, जल का लोटा, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी का आसन, चलनी, आठ पूरियों की अठावरी, हलुआ और दक्षिणा (दान) के लिए पैसे आदि।

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