Kartik purnima daan: कार्तिक पूर्णिमा पर किन चीजों का दान करना चाहिए
सनातन संस्कृति में कार्तिक पूर्णिमा की तिथि अत्यंत पावन मानी गई है। इस तिथि पर मनाई जाने वाले देवदीपावली के उत्सव से तीन पौराणिक प्रसंग जुड़े हैं। यह प्रसंग शिव, पार्वती और विष्णु पर केंद्रित हैं।
सनातन संस्कृति में कार्तिक पूर्णिमा की तिथि अत्यंत पावन मानी गई है। देवदीपावली का विराट उत्सव काशी में इस वर्ष 15 नवंबर को मनाया जाएगा। कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान और दान का बड़ा महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन जो भी दान किया जाता है वो उसका कई गुना फल मिलता है। कार्तिक पूर्णिमा अपने ग्रहों की शांति के लिए दान कर सकते हैं।
ज्योतिषविद् विमल जैन ने बताया कि कार्तिक शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा 15 नवंबर को प्रात 06 .20 बजे से रात 02. 59 बजे तक रहेगी। भरणी नक्षत्र 14 नवंबर को मध्यरात्रि के बाद 12.33 बजे से लग जाएगा जो 15 नवंबर की रात 09. 55 बजे तक रहेगा। फिर कृतिका नक्षत्र आरंभ होगा।
किन चीजों का करना चाहिए दान
इस दिन पहले किसी पवित्र नदी में स्नान करें और फिर दान करना करोड़ों गुना फल मिलता है। इस दिन अगर गंगा स्नान नहीं कर सकते हैं, तो पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। जिन लोगों का कुंडली में सूर्य कमजोर हो, उन लोगों को तांबे का दान करना चाहिए। जिन लोगों का चंद्रमा कमजोर हो, उन लोगों को चावल का दान करना चाहिए। गुरु कमजोर हो तो हल्दी, चने की दाल का दान करना चाहिए। जिन लोगों का मंगल कमजोर हो उन्हें लाल मसूर की दाल और जिनका बुध कमजोर हो उन्हें हरी मूंग की दाल का दान करना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन सबसे बड़ा दान दीपदान होता है। गरीबों को फल, तिल, कपड़ों और गुड़ का दान करना चाहिए।
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