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Kartik Purnima Shubh Muhurat : कार्तिक पूर्णिमा या देव दिवाली पर ये है पूजा का शुभ मुहूर्त

  • कार्तिक पूर्णिमा 15 नवंबर को है। इस दिन भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना होगी। कहा जाता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं और भगवान विष्णु की कृपा मिलती है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी दोनों की पूजा की जाती है।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 15 Nov 2024 05:44 AM
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कार्तिक पूर्णिमा 15 नवंबर को है। इस दिन भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना होगी। जगन्नाथ मंदिर के पंडित सौरभ कुमार मिश्रा ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा का प्रवेश 15 नवंबर को प्रात: सुबह 5:22 बजे होगा। यह तिथि 16 नवंबर को अगले सुबह 3:09 तक रहेगा। इसे देव दीपावली भी कहा जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान किया जाता है। शाम को नदियों में दीपदान किया जाता है। कई जगहों पर गंगा घाट पर दीपदान का विशेष आयोजन किया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं और भगवान विष्णु की कृपा मिलती है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी दोनों की पूजा की जाती है।

देव दिवाली मुहूर्त:-

देव दिवाली के दिन प्रदोष काल शाम 5 बजकर 10 मिनट सेरात 7 बजकर 47 मिनट तक रहेगा।

कार्तिक पूजन मुहूर्त:-

ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:57 बजेसेसुबह 5:50 बजेतक।

अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:43 बजेदोपहर 12:26 बजेतक।

विजय मुहूर्त: दोपहर 1:52 बजेसेदोपहर 2:35 बजेतक।

पूजा-विधि:

  • इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। इस दिन पवित्र नदियों मेंस्नान करनेका बहुत अधिक महत्व होता है। आप नहाने के पानी मेंगंगा जल डालकर स्नान भी कर सकते हैं। नहाते समय सभी पावन नदियों का ध्यान कर लें।
  • नहानेके बाद घर के मंदिर मेंदीप प्रज्वलित करें।
  • अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
  • सभी देवी-देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।
  • पूर्णिमा के पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व होता है।
  • इस दिन विष्णु भगवान के साथ माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना भी करें।
  • भगवान विष्णु को भोग लगाएं। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को भी शामिल करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी के बिना भगवान विष्णु भोग स्वीकार नहीं करते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
  • भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें।
  • इस पावन दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का अधिक से अधिक ध्यान करें।
  • पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व होता है।
  • चंद्रोदय होने के बाद चंद्रमा की पूजा अवश्य करें।
  • चंद्रमा को अर्घ्य देने से दोषों से मुक्ति मिलती है।
  • इस दिन जरूरतमंद लोगों की मदद करें।
  • अगर आपके घर के आसपास गाय है तो गाय को भोजन जरूर कराएं। गाय को भोजन कराने से कई तरह के दोषों से मुक्ति मिल जाती है।

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