Hindi Newsधर्म न्यूज़Jaya Ekadashi 2025 Mantra to chant on ekadashi to please vishnu

जया एकादशी के दिन इन 7 सरल मंत्रों का करें जाप, विष्णुजी के प्रसन्न होने की है मान्यता

  • Jaya Ekadashi 2025 Mantra : कल 08 फरवरी को जया एकादशी व्रत रखा जाएगा। यह दिन जगत के पालनहार श्रीहरि विष्णुजी की पूजा-आराधना के लिए समर्पित माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

Arti Tripathi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 7 Feb 2025 06:24 PM
share Share
Follow Us on
जया एकादशी के दिन इन 7 सरल मंत्रों का करें जाप, विष्णुजी के प्रसन्न होने की है मान्यता

Jaya Ekadashi 2025 Mantra : हिंदू पंचांग के अनुसार, कल 08 फरवरी को जया एकादशी है। मान्यता है कि जया एकादशी का व्रत रखने और श्रीहरि विष्णुजी की पूजा-अर्चना से साधक को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। जया एकादशी के दिन दान-पुण्य के कार्य भी उत्तम माने जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन गरीबों और जरुरतमंदों की मदद करने से साधक के सभी कष्ट दूर होते हैं और विष्णुजी की कृपा बनी रहती है। जया एकादशी के दिन विष्णुजी की पूजा-उपासना के साथ उन्हें प्रसन्न करने के लिए कई मंत्रों का जाप करना भी लाभकारी माना गया है। इससे जीवन में धन-वैभव और सुख-समृद्धि आने की मान्यता है। आइए जानते हैं जया एकादशी के दिन विष्णुजी को प्रसन्न करने के लिए सरल मंत्र...

जया एकादशी 2025 : द्रिक पंचांग के अनुसार,माघ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 7 फरवरी 2025 को रात 09 बजकर 26 मिनट पर होगी और अगले दिन 08 फरवरी 2025 को रात 8 बजकर 15 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, 08 फरवरी को जया एकादशी का व्रत रखा जाएगा। इस बार भद्रा के साये में जया एकादशी मनाई जाएगी। सुबह 08:48 ए एम से 08:15 पी एम तक भद्राकाल रहेगा। हिंदू धर्म में इस दौरान धर्म-कर्म के कार्यों की मनाही होती है।

ये भी पढ़ें:जया एकादशी कल, जानें शुभ मुहूर्त, पूजाविधि,भोग और पारण टाइमिंग

विष्णुजी के सरल मंत्र

1.ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय

2. श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे

हे नाथ नारायण वासुदेवाय

3.ऊँ विष्णवे नमः

4.ऊँ नमो नारायण।श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।

5.ऊँ नमो नारायणाय नमः

6.ऊँ ऐं श्रीं बृहस्पतये नमः

7.ऊँ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।

ऊँ भूरिदा त्यसि श्रुतः पुरूत्रा शुर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें