Notification Icon
Hindi Newsधर्म न्यूज़janmashtami vrat 2024 puja vidhi niyam rules and regulations

जन्माष्टमी व्रत में इन नियमों का करें पालन, नोट कर लें संपूर्ण पूजा-विधि

  • कृष्ण जन्माष्टमी 26 अगस्त यानी आज है। द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण भाद्रपद मास, कृष्ण पक्ष, अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र की निशीथ बेला में मथुरा में कंस के कारागार में वसुदेव की पत्नी देवकी के गर्भ से अवतरित हुए थे।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तानMon, 26 Aug 2024 07:59 AM
share Share

कृष्ण जन्माष्टमी 26 अगस्त यानी आज है। द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण भाद्रपद मास, कृष्ण पक्ष, अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र की निशीथ बेला में मथुरा में कंस के कारागार में वसुदेव की पत्नी देवकी के गर्भ से अवतरित हुए थे। हर साल इस दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। आइए जानते हैं, जन्माष्टमी की पूजा-विधि और नियम…

पूजा-विधि

सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।

घर के मंदिर में साफ- सफाई करें।

घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।

सभी देवी- देवताओं का जलाभिषेक करें।

इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप यानी लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है।

लड्डू गोपाल का जलाभिषेक करें।

इस दिन लड्डू गोपाल को झूले में बैठाएं।

लड्डू गोपाल को झूला झूलाएं।

अपनी इच्छानुसार लड्डू गोपाल को भोग लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।

लड्डू गोपाल की सेवा पुत्र की तरह करें।

इस दिन रात्रि पूजा का महत्व होता है, क्योंकि भगवान श्री कृष्ण का जन्म रात में हुआ था।

रात्रि में भगवान श्री कृष्ण की विशेष पूजा- अर्चना करें।

लड्डू गोपाल को मिश्री, मेवा का भोग भी लगाएं।

लड्डू गोपाल की आरती करें।

इस दिन अधिक से अधिक लड्डू गोपाल का ध्यान रखें।

इस दिन लड्डू गोपाल की अधिक से अधिक सेवा करें।

इन नियमों का करें पालन-

इस पावन दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा के साथ ही गाय की भी पूजा करें। पूजा स्थल पर भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति के साथ गाय की मूर्ति भी रखें।

पूजा सुंदर और साफ आसन में बैठकर की जानी चाहिए। 

भगवान श्री कृष्ण का गंगा जल से अभिषेक जरूर करें।

गाय के दूध से बने घी का इस्तेमाल करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें