Hindi Newsधर्म न्यूज़Janmashtami Time: Rohini Nakshatra started on Krishna Janmashtami know the best time for evening pooja

कृष्ण जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ, जानें संध्या पूजा के उत्तम मुहूर्त

  • Janmashtami Time : इस बार सोमवार के दिन अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र एवं सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। कृष्ण जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र लग चुका है। आइए जानते हैं शाम की पूजा के शुभ मुहूर्त-

Shrishti Chaubey लाइव हिन्दुस्तानMon, 26 Aug 2024 07:21 PM
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Janmashtami Time: श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर सोमवार को द्वापर युग में जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, उस दौरान जो शुभ योग थे, लगभग वैसे ही योग बन रहे हैं। स्मार्त और वैष्णव मत से इस बार कृष्ण जन्माष्टमी एक ही दिन मनेगी। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान कृष्ण के जन्म के समय छह तत्व हैं। भाद्र कृष्ण पक्ष, रात 12 बजे, अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र, वृष राशि में चंद्रमा, इनके साथ सोमवार या बुधवार का होना है। इस बार सोमवार के दिन अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र एवं सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। ज्योतिष विशेषज्ञ पं उमेश शास्त्री दैवज्ञ ने बताया श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि व रोहिणी नक्षत्र में मध्यरात्रि को मथुरा में हुआ था। अष्टमी तिथि 26 अगस्त को रात्रि 02.22 बजे प्रारंभ होकर 27 अगस्त को रात्रि 02.26 बजे समाप्त होगी। श्री कृष्ण जन्माष्टमी की तैयारी जोर-जोर से शुरू हो चुकी हैं। जगह-जगह लोग झांकियां भी सजाने में जुटे हुए हैं। घरों में लोग भगवान कृष्ण की लड्डू गोपाल के स्वरूप की पूजा अर्चना करेंगे।

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भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप का करें पूजन

ज्योतिष विशेषज्ञ पं उमेश शास्त्री दैवज्ञ ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल का कच्चे दूध से अभिषेक करें। माखन मिश्री और मिठाई का भोग लगाएं और ऊं नमो भगवते वासुदेवाय का जप करें।

ऐसे करें लड्डू गोपाल की पूजा-अर्चना

भगवान कृष्ण हर किसी के मन में बसे हैं। कई ऐसी महिला भक्त हैं जो अपने बच्चों की तरह लड्डू गोपाल का विशेष ख्याल रखती हैं। उन्हें बच्चों की तरह दूध पिलाती हैं, माखन-मिश्री का भोग लगाती हैं। सर्दियों में रजाई ओढ़ाती हैं तो गर्मियों में कूलर या एसी में शयन करवाती हैं। घर में जो खाना बनता है, पहले उन्हें भोग लगाया जाता है।

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जन्माष्टमी संध्या पूजा के शुभ मुहूर्त

  • अष्टमी तिथि प्रारम्भ - अगस्त 26, 2024 को 03:39 ए एम बजे
  • अष्टमी तिथि समाप्त - अगस्त 27, 2024 को 02:19 ए एम बजे
  • रोहिणी नक्षत्र प्रारम्भ - अगस्त 26, 2024 को 03:55 पी एम बजे
  • रोहिणी नक्षत्र समाप्त - अगस्त 27, 2024 को 03:38 पी एम बजे
  1. लाभ - उन्नति: 03:36 पी एम से 05:12 पी एमवार वेला
  2. अमृत - सर्वोत्तम: 05:12 पी एम से 06:49 पी एम
  3. लाभ - उन्नति: 10:59 पी एम से 12:23 ए एम, अगस्त 27

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