जन्माष्टमी पर 5 तरीकों से करें लड्डू-गोपाल का श्रृंगार, देखते ही रह जाएंगे लोग
- Janmashtami Shringar, Krishna pooja: जन्माष्टमी पर भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप कि पूजा संतान की तरह करने का विधान है। श्री कृष्ण की भक्ति चाहे व्रत के माध्यम से, पूजा के माध्यम से, सजावट के माध्यम से, या नाम जपने के माध्यम से करने पर भगवान प्रसन्न होते हैं।
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हर साल अष्टमी तिथि व रोहिणी नक्षत्र व्याप्त मध्यरात्रि में कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। 26 अगस्त के दिन व्रत रख लोग कृष्ण जन्म का दिवस मनाएंगे। फिर जन्म होने के उपरांत व्रत पारण करेंगे। मान्यता है इस दिन श्री कृष्ण की भक्ति चाहे व्रत के माध्यम से, पूजा के माध्यम से, सजावट के माध्यम से, या नाम जपने के माध्यम से करने पर भगवान प्रसन्न होते हैं। जन्माष्टमी पर भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप कि पूजा संतान की तरह करने का विधान है। आइए जानते कृष्ण जन्माष्टमी पर कन्हा के श्रृंगार की सही विधि-
कैसे करें श्रृंगार?
सबसे पहले भगवान श्री कृष्ण का कच्चे दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल से अभिषेक करें। इसके बाद बाद को किसी साफ वस्त्र से अच्छी तरह पोछें। अब प्रभु को वस्त्र पहनाएं। हाथों में कंगन, कान में आभूषण और माला पहनाएं। प्रभु को मुकुट लगाएं और बासुरी पकड़ाएं। श्री कृष्ण के जन्म के बाद उनकों झूले में बैठाकर झुलाया जाता है। खूबसूरत से झूले की व्यवस्था भी करें।
आभूषण- हाथों में कंगन, पैरों में पायल, कानों में कुंदन, कमरबंध, वैजयंती माला, फूल माला, पीले रंग के वस्त्र, गोपी चंदन और चंदन की सुगंध की व्यवस्था भी करें।
मोर पंख- जन्माष्टमी पर श्री कृष्णा का श्रृंगार करने के लिए मोर पंख का इस्तेमाल करें। कान्हा का प्रिय माना जाता है मोर पंख। इसलिए मोर पंख से कान्हा का मुकुट और झूला सजाएं।
बांसुरी- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कन्हैया को मुरली या बांसुरी बजाना पसंद है। इसलिए भगवन कृष्ण के श्रृंगार में बांसुरी जरूर शामिल करें। इसे शुभ माना जाता है।
फूलों से सजाएं- लाल, पीले, सफेद, गुलाबी और नीले रंग के रंग-बिरंगे फूलों से भगवान का झूला और पूजा-स्थान सजाएं। विविध प्रकार फूलों की व्यवस्था करें, पारिजात व वैजयंती के फूल मिल जाए तो उत्तम होगा।
गाय-बछड़े की मूर्ति- पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण गाय और बछड़ों को घास चराने जाया करते थे। इसलिए प्रभु के झूले के पास गाय और बछड़ों की छोटी सी मूर्ति रखें।
माखन मटकी- भगवान श्री कृष्ण के बगल में छोटी-छोटी माखन की मटकियां रखें। चाहें तो इन मटकियों को फूलों से भर दें।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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