जन्माष्टमी झांकी सजाते वक्त रखें दिशा का ध्यान, लगाएं 3 चीजों का भोग
- Janmashtami ki Jhanki: जन्माष्टमी के दिन कई लोग भगवान कृष्ण की झांकी सजाते हैं, उनका शृंगार भी करते हैं। इसलिए अगर आप भी श्री कृष्ण की पालकी या झांकी सजाने वाले हैं जरूर रखें इस 1 बात का ध्यान।
Janmashtami ki Jhanki, bhog : श्री कृष्ण जन्माष्टमी पूजा को लेकर श्रद्धालु व भक्त कान्हा की भक्ति मे लीन हैं। 26 अगस्त की रात्रि में अष्टमी तिथि विद्यमान रहेगी। इस वर्ष श्री कृष्ण की पूजा का शुभ मुहूर्त मध्यरात्रि 12.00 से 12.44 तक रहेगा। इस दिन कई लोग भगवान कृष्ण की झांकी सजाते हैं, उनका शृंगार भी करते हैं। इसलिए अगर आप भी श्री कृष्ण की पालकी या झांकी सजाने वाले हैं जरूर रखें इस 1 बात का ध्यान। आइए जानते हैं जन्माष्टमी पर झांकी सजाने के तरीके और कन्हा का पसंदीदा भोग-
झांकी सजाते वक्त रखें दिशा का खास ध्यान
जन्माष्टमी की झांकी या पालकी हमेशा घर की सही दिशा में सजानी चाहिए। इसलिए भगवान की झांकी सजाने का प्लान कर रहें हैं तो घर के ईशान कोण में भगवान श्री कृष्ण की झांकी सजाएं। भगवान कृष्ण की झांकी सजाने के लिए आप मोर पंख, गाय-बछड़े व गोपियों की मूर्ति, रंग-बीरंगे फूल, केले के पत्ते, और दही हांडी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
कृष्ण जी को भोग क्या लगाएं?
- पंचामृत जरूर बनाएं, उसमें तुलसी की पत्तियां डालें।
- मेवा, माखन और मिश्री लेकर आएं।
- सामर्थ्य अनुसार 56 भोग लगा सकते हैं।
- धनिया की पंजीरी भी रखें। मध्य रात्रि में उत्सव मध्य रात्रि 12 बजे जन्मोत्सव मनाएं।
क्यों है जन्माष्टमी बेहद खास
जन्माष्टमी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा हैं, जन्माष्टमी पर रात्रि 9.10 से बनने वाला सर्वार्थ सिद्धि योग सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला है। इस योग में जो शुभ कार्य किया जाएगा, वह सफल सिद्ध होगा, इस योग में की गई पूजा बहुत ही फलदायी मानी जाती है। जन्माष्टमी के दिन व्रत और पूजा करने से भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद मिलता है। जो लोग संतानहीन है, या पुत्र प्राप्ति की कामना करते हैं, वह जन्माष्टमी का व्रत रखकर लड्डू गोपाल की पूजा करते हैं, ताकि उनकी मनोकामना पूर्ण हो।
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