Sharad Purnima आज: कैसे अमृत बन जाती है रातभर रखी खीर, जानें वैज्ञानिक कारण
इस साल 24 अक्टूबर यानि आज शरद पूर्णिमा है। यह रात्रि कई मायने में महत्वपूर्ण है। जहां इसे शरद ऋतु की शुरुआत माना जाता है, वहीं माना जाता है कि इस रात को चंद्रमा संपूर्ण 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है...
इस साल 24 अक्टूबर यानि आज शरद पूर्णिमा है। यह रात्रि कई मायने में महत्वपूर्ण है। जहां इसे शरद ऋतु की शुरुआत माना जाता है, वहीं माना जाता है कि इस रात को चंद्रमा संपूर्ण 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है और अपनी चांदनी में अमृत बरसाता है। इसी वजह से लोग इस पूरी रात्रि को खीर बनाकर चांदनी में रख देते हैं, ताकि उसे प्रसाद के रूप में सुबह स्नान करके खाने के बाद निरोग हो पाएं। इस मान्यता के पीछे वैज्ञानिक तथ्य भी है, आइए जानते हैं।
वैज्ञानिक कारण
वैज्ञानिकों के मुताबिक दूध में लैक्टिक एसिड और अमृत तत्व होता है। यह तत्व किरणों से अधिक मात्रा में शक्ति का शोषण करता है। साथ ही चावल में स्टार्च होता है जो यह प्रक्रिया आसान बनाता है। इसी कारण ऋषि-मुनियों ने शरद पूर्णिमा की रात्रि में खुले आसमान के नीचे खीर रखने का विधान किया, क्योंकि इस दिन चांद की रोशनी सबसे अधिक होती है। एक अन्य वैज्ञानिक शोध के मुताबिक इस दिन दूध से बने उत्पाद का चांदी के पात्र में सेवन करना चाहिए। चांदी में रोग-प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है साथ ही इससे विष्णु भी दूर रहते हैं।
शरद पूर्णिमा 2018: कल सारा जगत होगा कृष्णमय, पढ़ें कथा और गाय के दूध से बनी खीर का रहस्य
शरद पूर्णिमा 2018: इस दिन खुले आसमान के नीचे रखी जाती है खीर, जानिए क्यों
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।