Hartalika Teej Vrat Udyapan: हरतालिका तीज व्रत का उद्यापन कब करना चाहिए? जानें
- Hartalika Teej Vrat: हरतालिका तीज का व्रत भगवान शिव व माता पार्वती को समर्पित है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, हरतालिका तीज का व्रत करने वालों को सुखद वैवाहिक जीवन की प्राप्ति होती है। जानें इस व्रत के उद्यापन के बारे में-
Hartalika Teej Udyapan Niyam: हरतालिका तीज व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस साल हरतालिका तीज व्रत 6 सितंबर 2024, शुक्रवार को है। हरतालिका तीज पर भगवान शिव व माता पार्वती की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है। हरतालिका पूजा के लिए सुबह का समय सबसे ज्यादा शुभ माना गया है। अगर किसी कारणवश सुबह के समय पूजा करना संभव नहीं है तो प्रदोषकाल में भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा कर सकते हैं। मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से व्रती को सुखद वैवाहिक जीवन व संतान की प्राप्ति होती है। हरतालिका तीज का व्रत करने वालों के मन में अक्सर सवाल रहता है कि इस व्रत का उद्यापन कब करना शुभ रहता है। जानें आप भी-
जानें हरतालिका तीज व्रत उद्यापन कब करना चाहिए-
हरतालिका तीज का व्रत कठिन व्रतों में से एक है। इस व्रत में अन्न व जल ग्रहण करने की मनाही होती है। पंडित प्रदीप मिश्रा ने हरतालिका तीज व्रत के उद्यापन के बारे में बताया है। उन्होंने बताया कि शास्त्र कहते हैं कि हरतालिका तीज व्रत का उद्यापन होता नहीं है। एकादशी व्रत का उद्यापन एक साल तक सभी एकादशी व्रत करने के बाद किया जा सकता है, लेकिन हरतालिका तीज व्रत का उद्यापन 13 वर्ष से पहले नहीं किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि अगर किसी भी व्यक्ति को हरतालिका तीज व्रत का उद्यापन करना है तो उसे 13 वर्ष तक इस व्रत को करना होगा, उसके बाद ही इस व्रत का उद्यापन किया जा सकता है।
हरतालिका तीज के दिन बन रहे ये शुभ मुहूर्त-
ब्रह्म मुहूर्त- 04:30 ए एम से 05:15 ए एम तक।
अभिजित मुहूर्त- 11:53 ए एम से 12:43 पी एम तक।
विजय मुहूर्त- 02:24 पी एम से 03:14 पी एम तक।
गोधूलि मुहूर्त- 06:36 पी एम से 06:59 पी एम तक।
रवि योग 09:25 ए एम से 06:01 ए एम, सितंबर 07 तक।
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