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हरतालिका तीज पर पूजा के बाद की जाती है ये प्रार्थना

  • अखंड सौभाग्य का पर्व हरतालिका तीज आज है। जगन्नाथ मंदिर के पंडित सौरभ कुमार मिश्रा ने बताया कि अखंड सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए हरतालिक तीज मनाई जाती है। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को सुहागन महिलाएं और विवाह योग्य युवतियां हरतालिक तीज का व्रत रखती हैं।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तानFri, 6 Sep 2024 03:38 AM
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अखंड सौभाग्य का पर्व हरतालिका तीज आज है। जगन्नाथ मंदिर के पंडित सौरभ कुमार मिश्रा ने बताया कि अखंड सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए हरतालिक तीज मनाई जाती है। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को सुहागन महिलाएं और विवाह योग्य युवतियां हरतालिक तीज का व्रत रखती हैं। इस बार हरतालिका तीज के दिन रवि योग बन रहा है। इस योग में सूर्य का प्रभाव अधिक होता है, जिसके कारण सभी प्रकार के दोष मिट जाते हैं। इस व्रत में माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करते हैं। उन्होंने बताया कि भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत पांच सितंबर को सुबह 10: 13 मिनट पर हो गई। वहीं, इस तिथि का समापन छह सितंबर को दोपहर 12: 17 मिनट पर होगा। ऐसे में हरतालिका तीज का व्रत छह सितंबर को मनाया जाएगा। इस दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त सुबह 6: 02 से सुबह 8: 33 मिनट तक है। उन्होंने बताया कि इस दिन चौथ चंदा भी मनाया जाएगा।

माता पार्वती ने भगवान शिव जी को पति के रूप में पाने के लिए की थी कठिन तपस्या

प्रचलित कथा के अनुसार माता पार्वती भगवान शिव जी को पति के रूप में पाने के लिए कठिन तपस्या की थी। लेकिन उस समय पार्वती की सहेलियों ने उन्हें अगवा कर लिया था। हरत का अर्थ है अगवा करना व आलिका का अर्थ है सहेलियों द्वारा अपहरण करना ही हरतालिका कहलाता है। इस कारण ही इसका व्रत का नाम हरतालिका कहा जाता है। यह व्रत शिवजी जैसा पति पाने के लिए भी कुछ जगहों पर कुंवारी कन्या भी श्रद्धापूर्वक व्रत करती हैं।

पूजा के बाद की जाती है ये प्रार्थना

जय जग माता, जय जग माता, मेरी भाग्य विधाता  

तुम हो पार्वती शिव प्यारी, तुम दाता नन्द पुरारी।

सती सतों में रेख तुम्हारी, जय हो आनन्ददाता ।। जय जग.।।

इच्छित बर मैं तुमसे पाऊं, भूल चूक को दुख ना उठाऊं।

भाव-भक्ति से तुमको पाऊं, भूल चूक को दुख ना उठाऊं।

 

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