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हरियाली तीज पर तीन योग का महासंयोग, व्रत 7 अगस्त को, नोट कर लें पूजा के शुभ मुहूर्त

  • सनातन धर्म में हरियाली तीज का व्रत बेहद भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह पर्व भगवान शिव और देवी पार्वती के दिव्य मिलन का प्रतीक है। मान्यताओं के अनुसार, सुहागिन महिलाएं इस दिन अपने पति की लंबी आयु तथा सलामती के लिए कठिन व्रत का पालन करती हैं।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तानWed, 7 Aug 2024 01:09 AM
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सनातन धर्म में हरियाली तीज का व्रत बेहद भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह पर्व भगवान शिव और देवी पार्वती के दिव्य मिलन का प्रतीक है। मान्यताओं के अनुसार, सुहागिन महिलाएं इस दिन अपने पति की लंबी आयु तथा सलामती के लिए कठिन व्रत का पालन करती हैं। ऐसा कहा जाता है कि इसका पालन करने सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इस पूजन से वैवाहिक जीवन में खुशियों का वास होता है। इस बार हरियाली तीज सात अगस्त को है। इस दिन तीन शुभ योग का महासंयोग बन रहा है। रवि योग, शिव योग और परिघ योग में इस बार हरियाली तीज व्रत मनेगा।

श्रावण माह की तृतीया को होगा पूजन

हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन हरियाली तीज पर तीन शुभ योग का महासंयोग बन रहा है। हरियाली तीज सात अगस्त को है। इस दिन रवि योग, शिव योग और परिघ योग है। शहर के ज्योतिषाचार्य पंडित धर्मेन्द्र झा ने बताया कि इस बार सावन भी खास है क्योंकि एक ऐसा दिन भी है, जिस दिन तीन शुभ योग का महासंयोग बन रहा है। ऐसे में इस दिन भगवान की उपासना करने के साथ-साथ व्रत रखना भी लाभदायक रहेगा। उन्होंने कहा कि सात अगस्त को हरियाली तीज का व्रत रखा जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 06 अगस्त, 2024 को रात्रि 07 बजकर 52 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 07 अगस्त, 2024 को रात्रि 10 बजे होगा। पंचांग को देखते हुए हरियाली तीज का व्रत 07 अगस्त 2024 को रखा जाएगा। ऐसे में व्रती इस दिन अपने शुभ व्रत का पालन करें।

पूजा में शुभ मुहूर्त का रखें विशेष ध्यान

पंडित धर्मेन्द्र झा ने बताया कि पूजा में व्रती महिलाएं शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखें, यह अतिफलदायी होता है। हरियाली तीज की पूजा सुबह 06 बजे से लेकर 09 बजे तक के बीच होगी। इसके बाद सुबह 10 बजकर 30 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजे तक इसकी पूजा की जा सकती है। वहीं, शाम की पूजा शाम 4 बजकर 30 मिनट से 06 बजे तक के बीच होगी। पंचांग के अनुसार, पूजा के लिए यह उत्तम समय माना जा रहा है। इसलिए इस समय पूजा करने की कोशिश करें।

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